बांग्लादेश में साम्प्रदायिक हिंसा में कुछ लोगों ने हिंदुओं को निशाना बनाया। जिसके बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कड़ा कदम उठाते हुए हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की।
बांग्लादेश की साम्प्रदायिक हिंसा का प्रभाव यह हुआ कि कुछ तथाकथित बजरंग दल जैसे कुछ संगठनों ने त्रिपुरा में एक रैली निकाली जिसने हिंसा का रूप ले लिया।
त्रिपुरा में काफी तनाव का माहौल होने के बावजूद अभी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। केंद्र सरकार की तरफ से तो कोई ठोस कदम उठाने की बात तक नहीं की गई है।
इस घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा है,
त्रिपुरा में हमारे मुसलमान भाइयों पर क्रूरता हो रही है। हिंदू के नाम पर नफ़रत व हिंसा करने वाले हिंदू नहीं, ढोंगी हैं। सरकार कब तक अंधी-बहरी होने का नाटक करती रहेगी?
त्रिपुरा में हमारे मुसलमान भाइयों पर क्रूरता हो रही है। हिंदू के नाम पर नफ़रत व हिंसा करने वाले हिंदू नहीं, ढोंगी हैं।
सरकार कब तक अंधी-बहरी होने का नाटक करती रहेगी? #TripuraRiots
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 28, 2021
विश्व हिंदू परिषद (VHP) की रैली के दौरान हिंसक झड़प हो गई थी। जिसके बाद बुधवार को उत्तरी त्रिपुरा के धर्मनगर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।
वहां अब एक जगह पर चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। धर्मनगर के एसडीएम ने कहा कि प्रशासन ने जिले में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू किया है।
उत्तरी त्रिपुरा में कुछ दिनों पहले ऐसी खबरें सामने आईं कि कथित रूप से दो दुकानों को जला दिया गया और एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई। हालांकि इस मुद्दे पर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है।
एआईएमआईएम अध्यक्ष अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी त्रिपुरा में हुई साम्प्रदायिक हिंसा की निंदा की। इसके अलावा अन्य कई नेताओं ने ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है।
पुलिस लगातार निगरानी कर रही है। त्रिपुरा के कई जिलों को हाइ अलर्ट पर भी रखा गया है। मस्जिदों की सुरक्षा को लेकर भी पुलिस चौकस है।