महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर सामने आई जिसमें कहा गया कि 57 करोड़ रुपये का आईएनएस विक्रांत के नाम पर गड़बड़ झोला हुआ है। आरोप बीजेपी के सांसद किरीट सोमैया पर लगे हैं।
आरोप लगाए गए हैं कि आईएनएस विक्रांत के नाम पर किरीट सोमैया ने क्राउड फंडिंग के जरिये 57 करोड़ का गबन कर दिया। ये आरोप शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपने बयान में लगाये हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेता सोमैया ने आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए क्राउड फंडिंग की। इसमें उन्होंने कुल 57 करोड़ रुपए इकट्ठा किए। इन रुपयों को राजभवन में जमा कराने थे। लेकिन इन रुपयों का उन्होंने आईएनएस के लिए कुछ भी नहीं किया बल्कि स्वयं हज़म कर गए।
संजय राउत ने अपने बयान में कहा, ‘यह बात तब पता चली जब आरटीआई एक्टिविस्ट धीरेंद्र उपाध्याय ने राजभवन से इसकी जानकारी मांगी। राजभवन ने कहा कि ऐसी कोई राशि नहीं जमा की गई है। मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि वह सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग इसकी जांच कराए।’
आपको बता दें कि साल 2013-14 में 1971 के भारत-पाक युद्ध में जीत का प्रतीक रहे आईएनएस विक्रांत की सेवा समाप्त हो रही थी। उस समय सरकार ने कहा था कि इसको वॉर म्यूजियम बनाने के लिए 200 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। मतलब अगर वॉर म्यूजियमनहीं बनेगा तो स्क्रैप करना ही होगा।
इसी स्क्रैप से बचाने के लिए किरीट सोमैया ने सेव विक्रांत मुहिम चलाई। उन्होंने डोनेशन के लिए मुंबई के कई जगहों पर कंपेन भी चलाई। जिसमें मुम्बई एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, चर्च गेट जैसी जगह शामिल हैं।
शिवसेना सांसद संजय राउत का आरोप है कि इस डोनेशन से प्राप्त होने वाले 57 करोड़ रुपयों को बीजेपी के सांसद किरीट सोमैया ने राजभवन में जमा नहीं कराए।
संजय राउत ने कहा कि जो पैसे चन्दा के नाम पर लिए गए हैं वह चुनाव लड़ने में इस्तेमाल हुए हैं। उन्हीने कहा कि यह राष्ट्रद्रोह है और इसपर जांच जरूर होनी चाहिए।