राजनीति में जीत के लिए सब जायज है ऐसा कई नेता कह चुके हैं। चुनाव जीतने के लिए नेता किसी भी हद तक जा सकते हैं। देश के 5 राज्यों में हो चुनाव हो रहे हैं और नेता अपनी जुबानी जंग से वोटर को लुभाने का काम कर रहे हैं।
असम में बीजेपी के एक उम्मीदवार ने अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में बीफ को लेकर टिप्पणी कर दी और फिर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार बनेंद्र कुमार मुशहरी ने गोमांस को नेशलन डिश बता दिया।
बीजेपी उम्मीदवार की इस टिप्पणी के लिए एक एफआईआर भी दर्ज हो गई। अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान, गौरीपुर भाजपा उम्मीदवार ने कथित तौर पर कहा था कि ‘बीफ’ भारत का ‘नेेशनल डिश’ है और आगे दावा किया गया कि यह एक अंतर्राष्ट्रीय व्यंजन है जिसे असम या देश में कहीं भी प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि, “गोमांस, जो हम खाते हैं, उसे कैसे प्रतिबंधित किया जा सकता है?”
एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वांचल हिंदू ओइका मंच के सदस्यों ने गुवाहाटी के पास दिसपुर पुलिस स्टेशन में टिप्पणियों के बारे में मुशहरी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। संगठन ने मामले को चुनाव आयोग (ईसी) के साथ भी उठाया।
कट्टर भाजपा समर्थक हमेशा देश भर में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए अभियान चलाते हैं, लेकिन चुनाव में असम में एक भाजपा-उम्मीदवार ने दावा किया कि गोमांस भारत का ‘राष्ट्रीय डिश’ है।
क्या बीफ सिर्फ चुनावी मुद्दा भर है? यह एक अहम सवाल है क्योंकि कुछ राज्यों में बीजेपी इसके खिलाफ अभियान चलाती है तो कुछ राज्यों में वह शांत रहती है। इसके लिए आप गोवा का उदाहरण ले सकते हैं।