कौन है सोनू पंजाबन ? जिसे पहली बार कोर्ट ने किसी मामले में दोषी ठहराया

BY – FIRE TIMES TEAM

दिल्ली की लेडी डॉन सोनू पंजाबन उर्फ गीता अरोड़ा और उसके साथी संदीप को दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने एक 12 साल की बच्ची के अपहरण, रेप और जबरन वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलने के आरोप में दोषी ठहराया है। दोनों पर  अपहरण, मानव तस्करी और जबरन कैद में रखने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने दोनों की सजा और जुर्माने का फैसला अभी नहीं दिया है।

इन दोनों को साल 2014 में क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने एक टीम गठित कर गिरफ्तार किया था। इन दोनों के अलांवा 4 आरोपी और गिरफ्तार हुए हैं, जिनकी सुनवाई चल रही है। और चार की तलाश अब भी की जा रही है।

दरअसल साल 2009 में दिल्ली के हर्ष विहार इलाके की एक बच्ची का अपहरण हुआ था। जिसके 5 साल बाद उस बच्ची ने नजफगढ़ थाने पहुंचकर आपबीती बताई। बच्ची ने बताया कि साल 2006 में जब वह छठवीं क्लास में थी तब उसकी दोस्ती संदीप बेदवाल से हुई। शादी के लिए संदीप उसे 2009 में लक्ष्मी नगर ले गया। वहां उसके साथ रेप किया और उसे बेच दिया। बच्ची सोनू पंजाबन के पास भी रही जिसने उसे वेश्यावृत्ति के धंधे में ढकेल दिया। वहां से उसे 10 बार बेचा गया और अलग-2 राज्यों में भी भेजा गया। अंत में एक सतपाल नाम के व्यक्ति ने बच्ची से शादी कर ली, वहां से वह किसी तरह बचकर नजफगढ़ थाने पहुंची। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह की टीम ने पूरी की।

कौन है सोनू पंजाबन ?

सोनू पंजाबन साल 2003 से वेश्यावृत्ति और फ्लैश ट्रेड के धंधे में सक्रिय थी। पहली जब एक व्यापारी की लाश सोनू की गाड़ी में पायी गयी थी तब से उसका नाम सुर्खियों आता रहा है। इस मामले में वह बच निकली थी। सोनू का असली नाम गीता अरोड़ा है जो मूलतः हरियाणा के रोहतक की रहने वाली है। उसके पिता दिल्ली में  ऑटो रिक्शा चलाते थे। सोनू पंजाबन ने गैंगस्टर विजय सिंह से प्रेम विवाह किया था। विजय सिंह उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला के गैंग में शामिल था। एसटीएफ ने दोनों का इनकाउंटर कर दिया था। सोनू पंजाबन ने जिससे भी संबंध बनाये वे सभी मारे गये।

कैसे नाम पड़ा सोनू पंजाबन –

विजय के मरने के बाद सोनू पंजाबन की एक वाहन चोर दीपक से दोस्ती हो गई लेकिन वह भी 2003 में असम पुलिस के द्वारा मारा गया। इसके बाद सोनू ने दीपक के भाई हेमंत सोनू से विवाह कर लिया, और गीता अरोड़ा बन गयी सोनू पंजाबन। हेमंत भी 2006 में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया।

अकेले पड़ जाने के बाद जिस्मफरोशी का धंधा सोनू ने अशोक बंटी नाम के अपराधी के साथ कार्लगर्ल बनकर शुरू किया। और फिर ब्यूटी पार्लर की आड़ में शुरू हुआ देह-व्यापार का धंधा। सेक्स रैकेट के धंधे ने सोनू को करोड़ों की मालकिन बना दिया। कुछ ही समय बाद बंटी भी दिलशाद गार्डेन के पास पुलिस मुथभेड़ में मारा गया। धीरे-2 जिस्मफरोशी की दुनिया में सोनू एक बड़ा नाम बन चुकी थी।

सोनू पंजाबन पर वेश्यावृत्ति से लेकर हत्या तक तमाम केस दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस ने सोनू पर मकोका भी लगाया था जिसके बाद वह एक साल जेल में रही, फिर बाहर आ गयी। दोबारा 12 साल की बच्ची के मामले में इस समय वह तिहाड़ जेल में बंद है। यह पहला मौका है जिसमें इसे कोर्ट ने दोषी करार दिया है।

About Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *