BY- VIRENDRA KUMAR
- पीड़िता के परिवार वालो पर ही टूट पड़ा था जिलाधिकारी! उनको घर में ताले में बंद करवा कर बेटी को जबरन जिलाधिकारी ने प्रशासन द्वारा अग्नि दिलवाई! – NDTV
19 सितंबर 2020 की उस रात जो हाथरस में हुआ वो दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश की सरकार पूर्णतःनिर्लज्ज और बेशर्म थी। उस बेटी की इज़्ज़त पर आख़री प्रहार तो उस रात उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया।
Ajay Bisht & his cops burnt the body of #HathrasCase victim without handing it to the family though they begged them to do so
Can you imagine this happening to ur daughter?@narendramodi do u have any shame left? Why are u not speaking?#YogiMustResignpic.twitter.com/PicOR09Drb
— Srivatsa (@srivatsayb) September 30, 2020
उस वक्त इंडिया टुडे की एक पत्रकार पुलिस वालों से सवाल करती हैं कि क्या जल रहा है तो पुलिस इसपर कुछ नहीं बोलती है। वह लगातार पूछने की कोशिश करती हैं लेकिन उनको किसी ने यह नहीं बताया कि क्या जल रहा है।
वीडियो सिर्फ एक उदाहरण की कैसे उत्तर प्रदेश में जातिवाद का परचम और जातीय शोषण सरकारी तंत्र खुद कर रहा था।
आप उस समय इतने निर्लज्ज और बेशर्म हो गये थे कि एक परिवार को उसकी बेटी को सम्मान से अग्नि भी नही देने दी ? सत्ता और जाति की ऐसी अकड़ रही उत्तर प्रदेश में?
प्रदेश के हुक्मरानों ने पूरे देश को शर्मशार कर दिया था, सभी लोग स्तब्ध थे। ना हुक्मरानों को थोड़ी शर्म आई ना उन्होंने त्याग पत्र दिया। उस समय हर एक प्रदेशवासी शर्म से लहूलुहान महसूस कर रहा था।
वोट देते वक्त इन सब बातों को भी याद करना जरूरी है, खैर इन सब बातों को याद दिला कर क्या करना चाहता हूं, लोगों को तो कोई फर्क नहीं पड़ता, जिस समाज से यह लड़की आती थी उस समाज को भी तो कोई फर्क नहीं है। तो मुझे या मेरे जैसे लोग को ही क्यों फर्क पड़ रहा है, क्योंकि हम जिंदा लोग हैं और जिंदा लोग सवाल करते हैं, अपने हक अधिकार की मांग करते हैं और जरूरत पड़ने पर उसके लिए लड़ाई और संघर्ष भी करते हैं।
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वीरेन्द्र कुमार, पीएचडी स्कॉलर अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली