BY- FIRE TIMES TEAM
केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा पेश किये गए चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक को राज्यसभा ने विपक्षी सांसदों के कार्य बहिष्कार के बावजूद ध्वनि मत के द्वारा पारित कर दिया। इस कानून में आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ा जाएगा।
केंद्र सरकार ने सोमवार को चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 लोकसभा में पेश किया। जिसमें आधार को मतदाता सूची से जोड़ने का प्रावधान है।
चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 मतदाता सूची डेटा को आधार से जोड़ने की अनुमति देता है और यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में पत्नी शब्द को पति/पत्नी शब्द से बदलने का भी प्रस्ताव करता है।
चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021, चुनावी पंजीकरण अधिकारियों को उन लोगों की आधार संख्या प्राप्त करने की अनुमति देने का प्रस्ताव करता है जो अपनी पहचान स्थापित करने के लिए मतदाता के रूप में पंजीकरण करना चाहते हैं।
मंगलवार को कार्यवाही के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विरोध में सदन से बाहर चले गए।
भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और बीजू जनता दल के सदस्यों के समर्थन के बाद विधेयक को राज्यसभा द्वारा पारित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे मतदाता सूची से नकली और फर्जी वोटों को खत्म करने में मदद मिलेगी।
लोकसभा ने सोमवार को यह विधेयक पारित किया था, जबकि कई विपक्षी नेताओं ने प्रस्तावित कानून की आलोचना की थी।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि आधार केवल निवास का प्रमाण है, नागरिकता का नहीं, और सरकार जानबूझकर गैर-नागरिकों को वोट देने का अधिकार दे रही है।
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