पालघर की घटना पर हो-हल्ला करने वाले संबित पात्रा ने बुलन्दशहर में मारे गए साधुओं को लेकर मौन व्रत रख लिया है


BY- FIRE TIMES TEAM


16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत उनके ड्राइवर की भीड़ ने हत्या कर दी थी। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार के साथ-साथ कांग्रेस की कद्दावर नेता सोनिया गांधी से तीखे प्रश्न पूछे गए।

बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कई टीवी डिबेट में आकर प्रश्न किये थे। तब उन्होंने हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर भी प्रश्न कर दिए थे। उस मुद्दे को सांप्रदायिक माहौल बनाने की भी पूरी कोशिश की गई।

रिपब्लिक भारत के चीफ एडीटर अर्णब गोस्वामी ने सोनिया गांधी को लेकर काफी आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था। जिसके बाद उनके ऊपर एफआईआर भी हुई थी। मुम्बई पुलिस उसको लेकर जांच भी कर रही है।

उस घटना को साम्प्रदायिक बनाने का इस प्रकार से प्रयास किया गया कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री को सामने आकर यह बोलना पड़ा कि मारने वाले और मरने वाले दोनों एक ही समुदाय के थे।

अब दो साधुओं की हत्या उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में हुई है। यहां योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। मतलब संबित पात्रा की पार्टी की ही सरकार है।

क्या अब संबित पात्रा को अपनी सरकार से प्रश्न नहीं करना चाहिए था। क्या संबित पात्रा को हिंदुओं के लिए आगे आकर अपनी ही सरकार से इस्तीफा नहीं मांगना चाहिए था? यदि वह इतना नहीं कर सकते थे तो कम से कम एक ट्वीट भी कर देते लेकिन उन्होंने इतना भी नहीं किया।

क्या इससे उनके दोहरे चरित्र का पर्दाफाश नहीं होता। वह सिर्फ तभी हिंदुओं को खतरे में बताते हैं जब किसी गैर बीजेपी शासित राज्य में घटना घटित हो। संबित पात्रा के द्वारा एक भी ट्वीट न करना कहीं-न-कहीं यह दर्शाता है कि उन्हें साधुओं की जान से कोई मतलब नहीं है। उन्हें बस एक वोट बेस बनाना है।

केवल संबित पात्रा ही नहीं कई और भी ऐसे नेता हैं जो पालघर पर खूब शोर शराबा कर रहे थे वह भी बुलंदशहर की घटना पर चुप हो गए।

 

About Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *