BY- FIRE TIMES REAM
इस समय एक तरफ देश कोरोना संकट से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ सरकार के कार्य करने के तरीके भी समझ नहीं आ रहे हैं। व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह करना सरकारों को अब अच्छा नहीं लगता? लॉकडाउन के बाद पत्रकारों पर जमकर एफआईआर हुई हैं।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक पत्रकार को क्वारंटीन सेंटर की बदहाली दिखाना भारी पड़ गया। एक न्यूज पोर्टल के पत्रकार रविन्द्र सक्सेना को सरकारी काम में बाधा डालने, आपदा प्रबंधन और हरिजन एक्ट आदि के तहत आरोपी बनाया गया है। पत्रकार के ऊपर प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश पत्रकार संघ की जिला इकाई के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने सीतापुर के डीएम को ज्ञापन भी सौंपा लेकिन प्रशासन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
न्यूज़लांड्री की रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार ने सीतापुर जिले के महोली तहसील में क्वारंटीन सेंटर की बदहाली की खबर की थी। अपनी खबर में पत्रकार ने उन लोगों की बातों को बताया जिस्मे उन्होंने कहा था कि खाने के नाम पर फफूंद लगे चावल दिए जा रहे हैं।
पत्रकार ने पीड़ित की बाइट के साथ टुडे-24 नामक पोर्टल पर दिखाया। इस खबर के बाद आला अधिकारियों के कान खड़े हुए और बाद में पत्रकार के ऊपर एफआईआर दर्ज कर ली गई।
रविन्द्र सक्सेना ने बताया कि महोली क्वारंटीन सेंटर पर कुछ लोग खराब खाने से परेशान होकर एसडीएम के पास शिकायत लेकर आये थे जहां खबर को लेकर वही भी मौजूद थे। पत्रकार ने कहा जब हमने पीड़ित से बात की तो उन्होंने कैमरे के सामने फफूंद लगे चावल भी दिखाये।
रवींद्र इसके बाद क्वारंटीन सेंटर जाकर वहां मौजूद लोगों से बात करके वीडियो बनाया जिसको उन्होंने अपने पोर्टल पर चलाया। इसमें उन्होंने क्वारंटीन सेन्टर में हो रही लापरवाहियों को दिखाया।
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पत्रकार ने प्रशासन द्वारा लगाई गई धाराओं पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। जिसमें उन्होंने शासन और सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगाए।