कोरोना संकट: हिन्दू-मुस्लिम बाद में कर लेना अभी ब्लड बैंक में खून की कमी हो गई है उस पर ध्यान दो!


BY- FIRE TIMES TEAM


कोरोना संकट के साथ-साथ देश साम्प्रदायिक संकट से जूझ रहा है। पहले तबलीगी जमात को लेकर ढेरों अफवाहें अब महाराष्ट्र में साधुओं की हत्याओं को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है।

कोरोना के चलते देश में ब्लड बैंक भी संकट में आ गए हैं। देश के ब्लड बैंक इस समय रक्त की कमी से गुजर रहे हैं।  इस स्थिति को देखते हुए अस्पतालों ने रक्त की कमी को पूरा करने के लिए व्यक्तिगत रक्तदाताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है।

कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों से जूझ रहे पीड़ितों को रक्त की कमी का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों को निर्देश भी दिया है कि वो जरूरत मंद मरीजों को आवश्यक रक्त उपलब्ध कराएं।

रक्त की कमी के कारण रक्त वीकार के मरीज, गर्भवती महिलाएं, बी-पॉजिटिव ब्लड ग्रुप, सांस या दिल के मरीज ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में अस्पताल द्वारा सूचीबद्ध दाताओं तथा दुर्लभ रक्त समूह वाले लोगों से रक्त दान की अपील की जा रही है।

सबसे ज्यादा थैलेसीमिया के रोगियों को दिक्कत हो रही है क्योंकि ऐसे मरीजों को बार बार रक्त बदलने की आवश्यकता पड़ती है।

इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के अनुसार अभी तक स्थिति नियंत्रण में है क्योंकि नियमित तौर पर सर्जरी नहीं हो रही हैं। इस कारण रक्त की मांग में कमी आई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश की आबादी के 1% लोगों की रक्त की आवश्यकता को देश के मानक के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए। इस हिसाब से भारत में वर्ष2018 में ही 1.9 मिलियन यूनिट रक्त की कमी थी।

एक आंकड़े के अनुसार भारत में रक्त की 78% आपूर्ति स्वैच्छिक रक्तदाताओं द्वारा होती है।

विश्व का पहला ब्लड बैंक अमेरिका में रेडक्रॉस की पहल पर 1937 में खुला था। वर्तमान में ज्यादातर ब्लड बैंक का संचालन रेडक्रास एवं उसकी सहयोगी संस्थाओं द्वारा होता है।

About Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *