मध्य प्रदेश में पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव हुए हैं। इस बार के चुनाव में कई जगह बीजेपी को काफी तगड़ा झटका लगा है। कई ऐसी सीटें भी बीजेपी हार गई जो कई दशक से नहीं हारी थी।
इन चुनावों में इस बार ऐसे भी परिणाम आएं हैं जिसकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। कुछ ऐसे उम्मीदवार जीते हैं जो साधारण परिवार से आते हैं। जिनमें किसान, आदिवासी शामिल हैं।
ऐसा ही मामला प्रदेश की छिंदवाड़ा नगर निगम से सामने आया है। यहां कांग्रेस ने 18 साल बाद बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस पार्टी के विक्रम आहाके ने साबित कर दिया कि अगर सच्ची मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने सपनों के लिए लड़ा जाए तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है।
विक्रम आहाके कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष थे और युवा कांग्रेस के ‘जिला सचिव’ के तौर पर भी संघर्षरत थे, अब वो छिंदवाड़ा के महापौर होंगे। इस जीत की पूरे देश में चर्चा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी तक ने इनकी जीत पर सोशल मीडिया पर जमकर लिखा।
राहुल गांधी ने लिखा, ‘हमारा सपना है कि एक ऐसा हिंदुस्तान बने जहां अमीर-ग़रीब में फासला न हो, सबको समानता का अधिकार मिले और कांग्रेस पार्टी जनता से किए गए अपने सभी वचनों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी को विक्रम आहाके जी पर गर्व है, हमें आपके जैसे ही निडर और पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाले कार्यकर्ताओं की ज़रुरत है।’
इस बार सिंधिया के गढ़ में भी कांग्रेस ने सेंधमारी कर दी है। सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस ने कई साल बाद महापौर की सीट जीती। ग्वालियर में जैसे ही कांग्रेस का महापौर बना लोगों ने जमकर सोशल मीडिया पर सिंधिया को लेकर तंज भी कसा।
आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में चले गए थे।