समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है। लोगों की भावनाएं, आत्मसम्मान सब कुछ। खासकर तब और जब कोई नेता एक विचारधारा की पार्टी को छोड़कर दूसरी वाली की तरफ खिसक जाता है।
अब मध्यप्रदेश में ही देख लीजिए। महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया की रैली में आये एक किसान की मौत हो गई और नेता लोग अपना भाषण देना नहीं बंद किए।
18 अक्टूबर को बीजेपी द्वारा एक सभा आयोजित की गई जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हुए भाषण भी दिया। नेताओं के भाषण सुनने के लिए इकट्ठे हुए लोगों में 80 बरस का एक बुज़ुर्ग किसान भी था।
इस किसान ने भाषण के बीच ही दम तोड़ दिया। किसान की मृत्यु के बाद भी सभा जारी रही। इसे लेकर अब विपक्ष वाले बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं।
अखबारों में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बुज़ुर्ग का नाम जीवन सिंह बताया जा रहा है। जिस वक्त बीजेपी के पंढाना के विधायक राम डांगोरे भाषण दे रहे थे, उस वक्त बुज़ुर्ग ने दम तोड़ा।
उनकी मौत के बाद आस-पास बैठे लोग अपनी-अपनी सीट से उठ गए और तितर-बितर हो गए. हालांकि नेता भाषण देते रहे. जीवन सिंह बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता भी बताए जा रहे हैं.