क्या है लॉजिस्टिक और वेयर हाउसिंग जिसे यूपी सरकार ने दिया है उद्योग का दर्जा?

BY- FIRE TIMES TEAM

उत्तर प्रदेश सरकार इस कोरोना काल में औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने तथा प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए नित-नए प्रयोग कर रही है। कुछ दिनों पहले प्रदेश के निर्यात  प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश को लॉजिस्टिक पार्क का हब के रूप में विकसित करने की बात कही थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि,” कोविड-19 से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों की बहाली के लिए औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना आवश्यक है। इस उद्येश्य से राजस्व तथा औद्योगिक विकास विभाग लैंड बैंक की स्थापना की कार्ययोजना बनाते हुए उसे लागू करने का काम करें। और प्रदेश में नए कार्यस्थलों को चिन्हित करके लैंड बैंक को बढ़ाया जाय।”

प्रधानमंत्री के मंगलवार को किए गए आर्थिक पैकेज के ऐलान के मद्देनजर सप्लाई चेन को व्यवस्थित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉजिस्टक और वेयरहाउसिंग को उद्योग का दर्जा भी दे दिया है। अब प्रदेश में लॉजिस्टिक पार्क या वेयरहाउस की स्थापना के लिए कृषि भूमि का भूउपयोग परिवर्तन कराने के लिए 150 की जगह  केवल 35 फीसदी शुल्क लगेगा।

प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा, “वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर को उद्योग का दर्जा प्रदान करने से अब उत्तर प्रदेश शीघ्र ही इस क्षेत्र में निवेश के लिए पसंदीदा स्थान के रूप में उभरेगा।”

लॉजिस्टिक्स आखिर है क्या?

लॉजिस्टिक्स एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत माल, सेवाओं या सूचनाओं को योजनाबद्ध तरीके से उसके उत्पत्ति वाले स्थान से उपयोग वाले स्थान तक भेजा जाता है। इसे हिन्दी में संभार-तंत्र या सुप्रचालन तंत्र कहते हैं। और वेयरहाउस को आम भाषा में मालगोदाम या भंडारगृह कहते हैं।

क्या होगा फायदा?

अवस्थावना व औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन ने कहा कि, ” इस फैसले से उत्तर प्रदेश में इस सेक्टर की इकाई व पार्क की स्थापना लागत में काफी  कमी आयेगी। अब इस सेक्टर की इकाईयां औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को आरक्षित क्षेत्र के आवंटन और भूमि उपयोग के लिए औद्योगिक दर का 1.5 गुना भुगतान करेंगी। अब इस प्रकार की इकाईयों की स्थापना में सिर्फ एक तिहाई ही लागत लगेगी।

इस संबंध में राज्य सरकार ने सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को अपने मास्टर प्लान और नियमों में संशोधन करके इसे लागू करने का निर्देश दिया है।

 

 

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