बिहार में शराब पूरी तरह से बंद है। लेकिन वहां के लोग कहते हैं कि शराब की होम डिलीवरी तक हो जाती है। अब यह विषय जांच का है कि आखिर लोगों तक शराब पहुंच कैसे जाती है?
दीवाली जैसे त्यौहार पर बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में आठ लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई तो वहीं गोपालगंज में मरने वालों की संख्या अब तक 16 हो चुकी है।
बिहार के गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण जिलों में पिछले दो दिनों में संदिग्ध नकली शराब के सेवन से कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा कई लोग बीमार हो गए हैं जिनमें कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पश्चिम चंपारण जिले के मुख्यालय बेतिया के तेलहुआ गांव में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से चार नवंबर को आठ लोगों की मौत हुई, जबकि गोपालगंज में संदिग्ध नकली शराब के सेवन की एक अन्य घटना में चार नवंबर को मरने वालों की संख्या 16 हो गई।
शराब पीने के कारण हुई इन मौतों के बाद नीतीश सरकार की शराब बंदी पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं। चिराग पासवान ने दीवाली न मनाने का निर्णय लिया है। तो वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला किया है।
दोनों जिलों के प्रशासन ने अब तक मौत के कारणों की पुष्टि नहीं की है। लेकिन खबरों में मौत का कारण शराब ही बताया जा रहा है।
कुछ दिन पहले मुज़फ्फरनगर में शराब पीने से 5 लोगों की मौत हो गई थी। यही नहीं बिहार में शराब बंदी के बावजूद हर साल कई लोगों की मौत महज शराब पीने से हो रही है।
आपको बता दें कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 को शराबबंदी हुई थी। तब से लेकर अब तक 123 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है। खबरों की माने तो साल 2016 से 2020 तक 35 लोगों की मौत हुई थी।