BY – FIRE TIMES TEAM
माला, हेलेन, नरगिस, नीलोफर और फानी…. ये गुजरे जमाने की बॉलीवुड हीरोइन के नाम सुनते ही उनकी फिल्मों और उनकी अदाकारी की तस्वीरें ताजा हो जाती हैं। लेकिन यहां हम फिल्मों की नहीं, बल्कि जानलेवा चक्रवात की बात कर रहे हैं। दरअसल ये सभी नाम बीते समय में आये हुए चक्रवात के हैं। जैसे इस समय अम्फन चक्रवात बंगाल की खाड़ी के तटीय क्षेत्रों से टकराने वाला है।
हर बार जब बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में कोई तूफान उठता है तो उसके नाम अलग होते हैं। यह पहली बार नहीं है कि किसी चक्रवात से बंगाल की खाड़ी के तटीय क्षेत्रों को नुकसान होने की संभावना है। मौसम विभाग इस तूफान पर नजर बनाये हुए है। तूफान ने कुछ हिस्सों में तेज हवा से नुकसान भी पहुंचाया है।
नामकरण प्रक्रिया –
पिछले वर्ष एक फानी तक्रवात आया था जिसका नाम बांग्लादेश ने दिया था। जिसका मतलब होता है सांप का फन।
थाईलैंड ने इस चक्रवाती तूफान का नाम अम्फन दिया है। तूफान के नामकरण के लिए एक सूची तैयार की गई है, जिसमें 8 देशों को शामिल किया गया है। और नामकरण की यह प्रक्रिया 15 साल पहले साल 2004 में शुरू हुई। दरअसल यह समिति अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आये तूफान का नामकरण करती है। ये आठों देश क्रमानुसार आठ नाम देते हैं, और जब जिस देश का नंबर आता है तो उस देश की सूची में जो नाम होता है उसी आधार पर तूफान का नामकरण होता है। इन देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं। हर देश ने पहले ही 8 नाम दे दिया है। इस तरह 64 नाम तैयार हैं। चूंकि थाईलैंड ने सूची में पहला नाम अम्फन दिया था इसलिए इस तूफान का नाम भी अम्फन रखा गया।
नाम देना क्यों जरूरी –
यदि एक चक्रवात की गति 34 समुद्री मील प्रति घंटे से अधिक है तो इसको एक विशेष नाम देना आवश्यक है। यदि तूफान के हवा की गति 74 मील प्रति घंटे तक या ज्यादा हो जाती है तो इसे चक्रवात में वर्गीकृत किया जाता है।
प्रभावित होने वाले संभावित राज्य –
मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान अम्फान को देखते हुए आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर में एलर्ट जारी कर दिया है। इस तूफान के कारण स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस (दिल्ली से भुवनेश्वर) का रूट बदल दिया गया है। चक्रवात की वर्तमान गति 160 किमी/घं है और इसे बढ़कर 200 किमी/घं होने की संभावना है।