BY- BIPUL KUMAR
चंडीगढ़ की एक यूनिवर्सिटी में एक लड़की ने साठ अन्य लड़कियों के नहाते समय का विडीओ चुपके से बनाया और उसे शिमला में रहने वाले एक लड़के को, जो इस लड़की का बॉयफ़्रेंड था, उसे भेज दिया, जब ये मामला सामने आया और उन लड़कियों को पता चला जिनके नहाते समय चोरी से बनाए गए विडीओ वाइरल हो गए उनमें से सात आठ लड़कियों ने आत्महत्या की कोशिश की।
वैसे तो पूरा का पूरा एपिसोड बहुत चिंतित करने वाला है, लेकिन इस पूरे एपिसोड में सबसे ज़्यादा चिंतित करने वाली बात है, उन लड़कियों द्वारा आत्महत्या की कोशिश जिनके नहाने के समय बनाए गए विडीओ वाइरल हो गए।
बिलकुल उन्हीं लड़कियों तक मेरी बात पहुँचेगी ये तो ख़ैर संदेह वाली बात है लेकिन जिन भी लड़कियों तक मेरी बात पहुँचे मैं उनसे कहना चाहता हूँ, अगर कोई व्यक्ति चोरी से आपका विडीओ बनाता है, और ख़ास तौर पर नहाने जैसी स्थिति में, तो इसमें आपको डरने या शर्म करने जैसी कौन सी बात हो गई, न तो आप किसी के साथ कोई ऐसी हरकत कर रही थीं जिसके लिए आपको शर्माने की ज़रूरत हो और न ही आपने ख़ुद वो विडीओ बनवाया।
मैं तो कहता हूँ कि अगर आप किसी के साथ प्यार में रहतीं और कोई आपके प्यार मुहब्बत के पर्सनल क्षणो को चोरी से क़ैद करके वाइरल करता तो भी आपको आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने की ज़रूरत तो नहीं ही हैं।
एक लड़की, अपने ही साथ की लड़कियों के पर्सनल विडीओ बना रही है, एक लड़के को भेज रही है, लड़का उन विडीओज़ को इंटर्नेट पर वाइरल कर रहा है और फिर उनमें से कुछ लड़कियाँ आत्महत्या की कोशिश कर रही हैं। ये सारी बातें एक समाज के बतौर हमारे फेल होने की निशानियाँ हैं। न तो हम बच्चों में सही नैतिक गुण डिवेलप कर पा रहे और उसके बाद भी हम समाज में एक ऐसे चौधरी बनाकर बैठे हैं जो ख़ुद अन्याय झेल रही लड़कियों को अपने डर से आत्महत्या की तरफ़ धकेल रहे रहे हैं।
और इन सबके बावजूद, हमारा दावा, हमारी संस्कृति पर गर्व का, और विश्व गुरु बनने का। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मामले मोहाली के एसएसपी विवेक सोनी ने कहा, “जिस लड़की पर आरोप लगे हैं, उसके फोन में एक ही विडियो मिला है। उसने किसी और का वीडियो रिकॉर्ड नहीं किया। मोबाइल को कब्जे में लेकर फरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।”
इससे पहले पुलिस ने छात्राओं के आत्महत्या के प्रयास की खबरों को हम गलत बताया था। यूनिवर्सिटी के मुताबिक, छात्रा ने अपने पर्सनल वीडियो और तस्वीरें अपने बॉयफ़्रेंड को भेजे थे। कई पत्रकारों के मुताबिक केजरीवाल के दबाव में दिया गया बयान है। सरकार की फ़ेस सेविंग चल रही है।
आधुनिकता के नाम पर नैतिक मूल्यों का भयंकर पतन हो रहा है, पता नहीं कहाँ जाकर रुकेंगे! अभिभावकों को बच्चों को नंबर लाने की मशीन बनाना है और उसके बाद नोट छापने की मशीन। माता पिता के लिए बच्चा फ़र्राटे की अंग्रेजी बोल ले बस! सबसे ज्यादा मम्मियों को मॉर्डर्न बनना है तो बच्चे संस्कारित कहाँ से होंगे!
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