ओरिएंटल क्राफ्ट कंपनी कपड़े बनाने के लिए प्रसिद्ध है। इस कंपनी की देश के कई शहरों में यूनिट हैं। इसकी एक यूनिट जल्द ही झारखंड में बनी थी। अब लॉकडाउन के कारण कंपनी की इस यूनिट के पास काम नहीं था जिसके कारण इसमें ताला लगा दिया गया है।
8 महीने पहले ही करीब 2400 करोड़ रुपए लगाकर एक भव्य कंपनी बनाई गई थी। जिसमें मैनेजमेंट और मजदूरों की एक बड़ी संख्या थी। इस कंपनी के शुरू होने से झारखंड निवासियों को काफी मात्रा में रोजगार मिला था।
पुरूषों के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी इस कंपनी में काम करती थीं। अब जब कंपनी ने इस यूनिट को बंद कर दिया है तब हज़ारों मजदूरों के घर के चूल्हे जलने बंद हो गए हैं।
कंपनी के यूनिट को बंद करने के निर्णय के बाद मजदूरों ने धरना प्रदर्शन भी किया। इस प्रदर्शन के बाद भी कंपनी ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया और मैनेजमेंट के लोगों को दिल्ली बुला लिया है।
कंपनी ओरियंट क्राफ्ट की झारखंड में दो यूनिट हैं। फिलहाल अब दोनों पर ताला लग चुका है। खेलगांव और इरबा स्थित कंपनी के विशाल परिसरों में केवल चंद गार्ड बच गए हैं। सूत्रों का कहना है कि कंपनी की ओर से कच्चा माल और मशीनरी एनसीआर स्थित यूनिटों में ट्रांसफर कर दिया गया है।
कंपनी को बंद करने के पीछे की बड़ी वजह सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी बताई जा रही है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि एक साल से सरकार ने कोई सब्सिडीनहीं दी थी। जिसके कारण कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन देने में सक्षम नहीं रही।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि फिलहाल यदि कंपनी की इस यूनिट को दोबारा भी शुरू किया गया तो आधे कर्मचारियों को ही रखा जाएगा। साफ है कि इससे कहीं-न-कहीं रोजगार का एक गंभीर संकट वहां के लोगों को झेलना पड़ा है।
यह भी पढ़ें: बोधघाट: कॉर्पोरेट मुनाफे के लिए आदिवासी विनाश की परियोजना