BY- FIRE TIMES TEAM
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सेक्स वर्कर्स को वोटर आईडी, राशन कार्ड और आधार नंबर जारी करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि देेेश के सभी नागरिकों को उनके पेशे के बावजूद उनके मौलिक अधिकारों की गारंटी दी जाती है।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “देश के नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का दायित्व है।”
पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सेक्स वर्कर्स को राशन कार्ड और पहचान पत्र जारी करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा, “इसका कोई कारण नहीं है कि इस तरह के निर्देशों को अब तक लागू क्यों नहीं किया गया।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य प्रशासन सेक्स वर्कर्स के लिए लाभ की सुविधा के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन और राज्य एड्स नियंत्रण समितियों की मदद ले सकता है। कोर्ट ने कहा कि ये संगठन समुदाय आधारित संगठनों द्वारा दी गई जानकारी का सत्यापन करने के बाद सेक्स वर्कर्स की सूची तैयार कर सकते हैं।
अदालत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस मामले पर चार सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।