BY- FIRE TIMES TEAM
नोबेल पुरूस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत खतरनाक है। इससे उत्पन्न हुई चुनौतियों से निपटने के लिए एक बड़े राहत पैकेज की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा अभी तक जो राहत पैकेज दिया गया है वह नाकाफी है, अमेरिका अपनी जीडीपी का 10 फीसदी खर्च कर रहा है। और हम अभी 1 फीसदी के बारे में सोच रहे हैं।
आपको बता दें कि यह राहुल गांधी द्वारा कोविड-19 की चुनौती पर आधारित संवाद का दूसरा संस्करण है। पहले संस्करण में श्री गांधी ने पूर्व भारतीय गवर्नर रघुराम राजन से बातचीत की थी। श्री राजन ने भी भारत में गरीबों की मदद के लिए 65 हजार करोड़ के राहत पैकेज देने की बात कही थी।
सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यमों के समस्याओं के बारे में श्री बनर्जी ने कहा कि, ” मांग और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए खर्च बढ़ाया जाना चाहिए। खर्च तभी बढ़ेगा जब लोगों की जेब में पैसा होगा, और यह पैसा सरकार लोगों तक सीधे पहुंचा सकती है। इसी प्रकार से एमएसएमई को भी पैसा मिलेगा और इस प्रकार एक सिरीज बनेगी।”
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही इस बातचीत में अभिजीत बनर्जी ने कहा कि, “सरकार ने कर्ज के भुगतान पर तीन महीने की रोक लगा दी है, लेकिन यदि सरकार यह भुगतान स्वयं करती तो ज्यादा अच्छा होता। और इसके अलावां जो भी राशन कार्ड मांगे उसे उपलब्ध करवाया जाना चाहिए, इससे इस मुश्किल घड़ी में ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद हो सकेगी।”
इस समय 58 वर्षीय अभिजीत बनर्जी मैसाच्यूसेट्स इन्स्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र भी रह चुके हैं। इन्हें वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन पर बेहतरीन काम के लिए फ्रांस की इश्तर डुफ्लो और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरूस्कार मिला था।