जब से मोदी सरकार बनी है तब से सरकारी कंपनियों को लगातार प्राइवेट हाथों बेचने का काम किया जा रहा है। इसके विरोध में लोग लिख भी रहे हैं और आंदोलन भी कर रहे हैं।
एक लोकतांत्रिक देश में चुनाव इसलिए होता है कि सरकार संविधान के दायरे में रखकर काम करे लेकिन भारत में सब कुछ बदलता जा रहा है।
अप्रत्यक्ष रूप से तानाशाही चल रही है। मोदी सरकार बिना विपक्ष के बहस के कानून पास किये दे रही है। कई संगठनों ने कड़ा विरोध भी दर्ज किया है लेकिन सरकार को मिले बहुमत के आगे सब बेकार साबित हो रहा है।
निजीकरण के विरोध में देश के कई नामी गिरामी नाम शामिल हैं। इसी को लेकर अब हापुड़-मेरठ लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नगमा ने हमला बोला है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘अरे भाई अगर कांग्रेस ने 70 सालों में कुछ करा नहीं…. तो जो तुम बेच रहे हो वो तुम्हारी नानी दहेज में लाई थी क्या’
अरे भाई अगर कांग्रेस ने 70 सालों में कुछ करा ही नही ……
तो तुम जो बेच रहे हो वो तुम्हारी नानी दहेज में लाई थी क्या 😬😬
— Nagma (@nagma_morarji) September 20, 2020
इससे पहले कांग्रेसी नेता अखिलेश सिंह ने भी एक सभा में बोलते हुए पीएम मोदी और बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा था, ‘निकम्मी औलाद हमेशा पूर्वजों की संपत्ति बेच देती है।’ जहां उन्होंने सीधे तौर पर पीएम मदों को निशाने पर लिया था.
केवल यही नहीं विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निजीकरण को लेकर हमलावर है। राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेता मोदी सरकार को लेकर लगातार हमला कर रहे हैं।
आपको बता दूं कि सरकार की सबसे ज्यादा आलोचना रेलवे के निजीकरण को लेकर हो रही है। पहली निजी ट्रेन तेजस के चलने के बाद लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी थी।
लोगों ने सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ जमकर लिखा। लोगों ने सरकार को सलाह दी कि यदि निजीकरण करना ही है तो अपनी जमीन, पटरी और पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर क्यों दे रहे हैं।