उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद को भीड़ द्वारा लगभग तीस साल पहले तोड़ने का प्रयास किया गया था। जिसके बाद कई लोगों पर मुकदमा भी चला। अब इसी मामले में बुधवार को लखनऊ की विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया।
जिन 32 आरोपियों को बरी किया गया है उनमें भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती भी शामिल हैं।
अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। रक्षा वकील केके मिश्रा ने कहा, “उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।”
जब यह फैसला सुनाया जा रहा था तब 32 आरोपियों में से छब्बीस विशेष अदालत में मौजूद थे। जो 6 आरोपी अदालत में मौजूद नहीं थे उनमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी भी शामिल हैं।
विनय कटियार, धरमदास, वेदांती, लल्लू सिंह, चंपत राय और पवन पांडे आज अदालत में उपस्थित अभियुक्तों में थे। जबकि आडवाणी, जोशी और सह-आरोपी नृत्य गोपाल दास की उम्र 80 वर्ष से अधिक है जिसका हलावा देकर वह अदालत में नहीं आये। भारती और एक अन्य आरोपी सतीश परधान अस्पताल में हैं।
सभी 26 आरोपी सुबह 10.30 बजे के आसपास अदालत में पेश हुए। अदालत के बाहर भारी पुलिस तैनाती और बैरिकेडिंग थी। मीडियाकर्मियों को लखनऊ के कैसरबाग इलाके में अदालत परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी।
यह मामला 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचे से संबंधित है।