आपको याद होगा कुछ दिन पहले केरल के कोल्लम जिले में एक हथिनी की मौत हो गई थी जिसको लेकर मुख्यधारा की मीडिया ने खूब तमाशा किया था। तब हथिनी की मौत को लेकर तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।
दरअसल मुख्यधारा की मीडिया ने उस मुद्दे को इसलिए इतना तूल दिया था क्योंकि मामला केरल का था और जिस जिले में घटना हुई थी वहां मुस्लिम आबादी काफी तादात में रहती है।
रिपब्लिक भारत, आजतक, एबीवीपी, न्यूज़ नेशन, ज़ी न्यूज़ जैसे चैनलों ने देश के अन्य मुद्दों को छोड़कर उस हथिनी की मौत को लेकर घंटों डिबेट की थी। ज़ी न्यूज़ ने स्पेशल टीम केरल भेज दी गई थी।
तब लोगों ने अपराधियों को लेकर अफवाह भी फैला दी थी कि वह मुस्लिम समुदाय से आते हैं जबकि ऐसा नहीं था। अफवाह फैलाने में कई मुख्यधारा की मीडिया के बड़े पत्रकार भी शामिल थे।
अब जब हर रोज उत्तर प्रदेश में बालात्कार और हत्याएं हो रही हैं तब यह सभी कथित राष्ट्रवादी पत्रकार शांत हैं। इनकी हिम्मत नहीं हो रही है कि योगी आदित्यनाथ से सवाल कर पाएं। यही नहीं यह इतना झुक गए हैं कि इन खबरों को तवज्जो भी नहीं देते।
भदोही में एक 17 वर्षीय नाबालिग से पहले बालात्कार किया गया और फिर उसे तेजाब से जिंदा जला दिया गया। लड़की की लाश नदी से मिली थी। परिवार वालों ने बताया कि वह 17 अगस्त को जानवर चराने गई थी तब से लापता थी।
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घटना की भयावहता को देखते हुए मुख्यधारा की मीडिया को इस मुद्दे को प्रमुखता देनी चाहिए थी। लेकिन न तो कथित राष्ट्रवादी पत्रकारों ने इसपर कोई बहस की और न ही योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछने की हिम्मत हुई।
यदि इसमें कोई साम्प्रदायिक ऐंगल होता तो जरूर इसपर मीडिया बहस करती लेकिन उनको शायद नहीं मिला। अब उत्तर प्रदेश केरल भी नहीं है और न ही भदोही में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं।