BY – FIRE TIMES TEAM
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा के केन्द्र में रहती हैं। इस बार वह वर्ण व्यवस्था पर टिप्पणी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए अपशब्द कहने के कारण सुर्खियों में हैं।
भोपाल से बीजेपी की सांसद साध्वी प्रज्ञा (Sadhvi Pragya) एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं। साध्वी प्रज्ञा ने शनिवार को मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के सीहोर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
इसमें उन्होंने विवादित बयान दिया। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधते हुए उनके लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया।
बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने इस दौरान कहा, ‘क्षत्रिय को क्षत्रिय कह दो, बुरा नहीं लगता। ब्राह्मण को ब्राह्मण कह दो, बुरा नहीं लगता। वैश्य को वैश्य कह दो, बुरा नहीं लगता।
लेकिन शूद्र को शूद्र कह दो तो बुरा लग जाता है। कारण क्या है? क्योंकि समझ नहीं पाते। उनके इस विवादित बयान का वीडियो भी सामने आया है।
#WATCH | Kshatriya ko kshatriya keh do, bura nahi lagta. Brahmin ko brahmin keh do, bura nahi laga. Vaishya ko vaishya keh do, bura nahi lagta. Shudra ko shudra keh do, bura lag jata hai. Kaaran kya hai? Kyunki samajh nahi paate: BJP MP Pragya Singh Thakur in Sehore, MP (12.12) pic.twitter.com/CbCctxmACp
— ANI (@ANI) December 12, 2020
इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देकर ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वह तिलमिला गई हैं क्योंकि उन्हें इसका अहसास हो गया है कि बंगाल में उनका शासन अब खत्म होने की ओर है। ये विधानसभा चुनाव बीजेपी ही जीतेगी. पश्चिम बंगाल में हिंदू राज्य होगा।’
बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘ममता बनर्जी तिलमिलाई हुई हैं। उन्हें ये बातें समझ आ गई हैं कि ये पाकिस्तान नहीं, भारत है। साथ ही भारत की रक्षा के लिए हिंदू तैयार हैं। पश्चिम बंगाल में बीजेपी और हिंदू का शासन आएगा।
पश्चिम बंगाल अखंड भारत का हिस्सा है। ममता उसे अलग करने का प्रयास कर रही थीं। देशभक्त ये कभी नहीं होने देंगे। बंगाल हिंदू राज्य बनेगा।’ हालांकि इस दौरान साध्वी प्रज्ञा ने ममता बनर्जी को अपशब्द कहते हुएए पागल तक कह दिया।
साध्वी प्रज्ञा ने किसान आंदोलन पर कहा, ‘किसान आंदोलन में देश विरोधी लोग शामिल हैं। आंदोलन में किसानों के भेष में वामपंथी और कांग्रेसी हैं। किसानों के भेष में दूसरे लोग आकर वहां भ्रम फैला रहे हैं। लोगों को यह बात समझने की जरूरत है।’