BY- RAHUL KUMAR GAURAV
यह चित्रा रामकृष्णन हैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व एमडी। इन्होंने अपने कार्यकाल में एक योगी के कहने पर विभाग में कई बड़ी नियुक्तियां की, देश की जनता का करोड़ो डुबोया और 44 करोड़ लेकर एनएसई से अलग हो गईं। वह योगी इनसे बेहद अंतरंग मेलबाजी तो करता ही था मैडम उस योगी के कहने पर मनमानी नियुक्तियां भी करती थी। सेबी का कहना है कि यह वही आध्यात्मिक शक्ति है, जिसके कहने पर एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण हर फैसला लेती थीं।
सेबी ने जो चित्रा को भेजे गए ऑफिशियल मेल्स की जांच की है तो उसमें पता चला है कि योगी , चित्रा की खूबसूरती उनके बाल बांधने के ढंग की तारीफ तो करता ही था उन्हें अपीलिंग भी बताता था और दोनों एक दूसरे से मिलने के जतन भी किया करते थे। वह मेल्स मेरे पास मौजूद हैं।
वरिष्ठ पत्रकार आवेश तिवारी कहते हैं कि सेबी की रिपोर्ट की मानें तो एनएसई में आनंद सुब्रमण्यम की समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार के रूप में नियुक्त एक ‘योगी’ के कहने पर हुई थी। जबकि, सुब्रमण्यम को कैपिटल मार्केट का कोई अनुभव भी नहीं था, इसके बावजूद 15 लाख से बढ़ाकर उनका सालाना पैकेज चार करोड़ के ऊपर कर दिया गया। अब सवाल उठता है यह योगी कौन है? मोदी, बीजेपी सब मौन हैं।
सेबी ने 190 पेज के आदेश में 238 बार ‘अज्ञात व्यक्ति’ का जिक्र किया है। चित्रा इस व्यक्ति को शिरोमणि कहकर संबोधित करती थीं। वह सीईओ के तौपर भी ई-मेल से संवाद करती थीं। 2018 में सेबी को दिए बयान में चित्रा ने बताया था कि वे योगी परमहंस नामक व्यक्ति से यह संवाद करती थीं, जो हिमालय में विचरण करते हैं। वह उनसे 20 साल से संपर्क में हैं और इसी आध्यात्मिक शक्ति से मार्गदर्शन लेती हैं।
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