पत्रकार जुबैर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। लेकिन इस फैसले ने सोशल मीडिया पर एक अलग ही बहस छेड़ दी है। लोग न्यायालय के फैसले पर बहस कर रहे हैं।
पत्रकार रणविजय ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘जो फैसला पहले पुलिस के हवाले से मीडिया में चला, जज ने भी वही फैसला सुनाया है. जुबैर की जमानत याचिका ख़ारिज, 14 दिन की न्यायिक हिरासत. न्यायपालिका की जय।’
राज्य सभा सांसद मनोज झा ने लिखा, ‘जिन्हें जानकारी हो वो बताएं कि आज से पूर्व कभी ऐसा हुआ था माननीय न्यायाधीश के आदेश से डेढ़ घंटे पूर्व पुलिस अधिकारियों ने सटीक निर्णय पहले सुना दिया था। एकदम ‘सेम टू सेम’।क्या ‘सत्यमेव जयते’ कहना मुश्किल नही होता जा रहा है?
पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने लिखा, ‘पहले कोर्ट ऑर्डर देती थी और पुलिस ऐक्शन लेती थी. अब पुलिस ऑर्डर देती है और कोर्ट ऐक्शन लेती है. बताइए, ऐसा किस देश में होता है?
पहले कोर्ट ऑर्डर देती थी और पुलिस ऐक्शन लेती थी.
अब पुलिस ऑर्डर देती है और कोर्ट ऐक्शन लेती है.
बताइए, ऐसा किस देश में होता है?
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) July 2, 2022
एक अन्य ट्वीट में उत्कर्ष ने लिखा, पुलिस के सुनाए फैसले पर कोर्ट ने लगाई मुहर, ज़ुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
स्वाति मिश्रा ने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘ज़ुबैर केस में जज साहब के आदेश देने से कई घंटे पहले पुलिस ने सटीक बता दिया कि आदेश में क्या है. पुलिस को भविष्य बांचने का काम करना चाहिए, शायद ज्यादा कमाई हो.’