छह-सात महीनों बाद भारत अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएगा: राहुल गांधी

BY– FIRE TIMES TEAM

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर निशाना साधा और चेतावनी दी कि भारत कोरोना वायरस महामारी के गंभीर आर्थिक प्रभाव के कारण अपने युवाओं को आने वाले दिनों में रोजगार नहीं दे पाएगा।

उन्होंने दावा किया कि उनकी यह भविष्यवाणी आने वाले छह से सात महीने के भीतर सच हो जाएगी।

गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा, “भारत युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएगा। मीडिया ने मेरा मजाक उड़ाया जब मैंने देश को चेतावनी दी कि COVID-19 के कारण भारी नुकसान होगा। आज मैं कह रहा हूं कि हमारा देश नौकरी नहीं दे पाएगा। यदि आप सहमत नहीं हैं तो छह से सात महीने तक प्रतीक्षा कर के देख सकते हैं।”

बुधवार को, कांग्रेस नेता ने कहा कि महामारी के कारण पिछले चार महीनों में लगभग दो करोड़ लोग बेरोजगार हो गए। गांधी द्वारा दिए गए बयान पर समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया कि अप्रैल से भारत में लगभग 1.89 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरी खो दी।

राहुल गांधी ने कहा, “दो करोड़ परिवारों का भविष्य अंधेरे में है। खबरों और फेसबुक पर नफरत फैलाने से बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था के विनाश की सच्चाई देश से छिपी नहीं रह सकती।”

गांधी द वॉल स्ट्रीट जर्नल में 14 अगस्त की एक रिपोर्ट का जिक्र कर रहे थे जिसमें दावा किया गया था कि फेसबुक ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा भारत में अपने वाणिज्यिक हितों की रक्षा के लिए फेसबुक पर किए गए अभद्र भाषा( हेट स्पीच) को नजरअंदाज किया था।

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आरोपों पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है, जिसे भगवा पार्टी ने नकार दिया है। कांग्रेस ने मंगलवार को फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने को कहा है।

भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए गांधी ने पिछले कुछ महीनों में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर बार-बार हमला किया है।

9 अगस्त को, उन्होंने दावा किया कि मोदी हर साल दो करोड़ रोजगार देने में विफल रहे जो उन्होंने वादा किया था।

उन्होंने प्रधानमंत्री पर गलत नीतियों को लागू करने का भी आरोप लगाया और कहा कि “भारत की आर्थिक संरचना नष्ट हो गई है जिसकी वजह से कई लोगों बेरोजगार हो गए हैं।”

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मार्च में महामारी के कारण लागू हुए लॉक डाउन के बाद से, देश में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है।

सोमवार को सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई में आंशिक लॉकडाउन के परिणामस्वरूप लगभग 50 लाख वेतनभोगी लोगों ने अपनी नौकरी खो दी।

वित्त मंत्रालय ने 6 जुलाई को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2020-21 वित्तीय वर्ष में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा अनुमानित रूप से 4.5% रहने की उम्मीद है।

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