BY – FIRE TIMES TEAM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर गुस्से से लाल हो जाते हैंं, कभी पत्रकारों के सवालों पर कभी नेताओं की बातों पर। पिछले महीने इंडिगो के मैनेजर की हत्या के बाद पत्रकारों के सवालों पर सीएम भड़क उठे।
इसके अलांवा रविवार को केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अधिकारियों को पीटने के बयान पर जब पत्रकारों ने उनसे जवाब मांगा तो मुख्यमंत्री गुस्से में बोले कि क्या यह शब्द उचित है? इसका जवाब आप उन्हींसे पूछिए।
और अब जब विधान परिषद में कार्यवाही चल रही थी तो सोमवार को राजद के MLC सुबोध राय पर CM नीतीश कुमार भड़क गए। उन्होंने कहा कि पहले नियम जान लो, बीच में यूं ही नहीं बोलना चाहिए, बैठ जाइए।
नीतीश का गुस्सा यहीं कम नहीं हुआ। उन्होंने भड़कते हुए यह भी कहा कि अरे भाई हम बोल रहे हैं तो बीच में बोलिएगा क्या। ये भी कोई तरीका है, आप सुनोगे नहीं कुछ। नियमों का पालन कीजिए, उल्लंघन मत कीजिए।
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दरअसल, राजद के MLC मो. फारूक ने ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री से सड़क खराब होने को लेकर सवाल किया था। मंत्री जयंत राज के जवाब से असंतुष्ट होकर मो. फारूक ने पूरक सवाल पूछा था।
इसके ठीक बाद MLC सुबोध राय पूरक सवाल पूछने लगे, जिस पर CM नीतीश कुमार राजद के विधान पार्षद पर भड़क गए। इस दौरान CM नीतीश कुमार से राजद के MLC सुबोध राय ने सदन में कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्य भी ऐसे ही पूछते हैं। हमसे CM को इतना दर्द क्यों हो गया।
दरअसल मोहम्मद फारूक ने सवाल किया था कि शिवहर जिला के डुमरी कटसरी प्रखंड के नया गांव से पूर्वी चंपारण के परसौनी, फेनहारा, कोदरिया, सुगा पिपर, होते हुए पताही तक आने वाली सड़क की स्थिति काफी जर्जर एवं दयनीय होने के कारण आवागमन में कठिनाई होती है।
विधान परिषद में CM नीतीश कुमार पहली बार सुबोध राय पर नहीं भड़के हैं। इससे पहले भी सवाल पूछने के दौरान CM ने कहा था कि तुमको तो मैंने बचा लिया था। आवास पर आए थे ना मिलने।
विधान परिषद के बाहर राजद के MLC सुबोध राय ने कहा कि CM उम्र के पड़ाव पर पहुंच गए हैं। कार्य संचालन नियमावली सिर्फ विपक्ष के लिए बना है क्या। CM को सदन में तुम-तड़ाका नहीं करना चाहिए। सदन में इसका बहिष्कार करेंगे। सच कड़वी होती है। लेकिन इसका सामना करना चाहिए।
वहीं, सवाल पूछने वाले MLC मोहम्मद फारूक ने कहा कि यह तो मुनासिब बिल्कुल नहीं है। हर किसी को आवाज उठाने का हक है। सही जवाब पूछिएगा तो सीएम ऐसे ही भड़केंगे। सुबोधी जी से क्या नाराजगी है, ये तो वही बताएंगे। यह पहली बार नहीं हुआ है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग सवाल उठाते हैं। इतना गुस्सा होने की जरूरत नहीं थी।