उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने खुला पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने योगी सरकार के प्रशासन पर गहरा प्रश्नचिन्ह लगाया है। पत्रकार सिद्दीक कप्पन की गिरफ्तारी को लेकर भी बोला गया है।
नौकरशाहों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विरोध की आवाज को दबाया जा रहा है। इसके लिए हिरासत, आपराधिक आरोप और वसूली आम तरीके बन गए हैं।
पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि मजिस्ट्रेट और पुलिस सहित यूपी में सभी शाखाएं ध्वस्त हो चुकी हैं।
हस्ताक्षरकर्ता नौकरशाहों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार एक ऐसा मॉडल पेश कर रही है जहां हर कदम पर संविधान और कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है।
हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि यदि इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो लोकतंत्र का क्षय और विनाश होगा।
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हस्ताक्षरकर्ताओं में नजीब जंग, हर्ष मंदर, शिवशंकर मेनन, अरुणा रॉय, जूलियो रिबेरो, जवाहर सरकार जैसे सिविल सेवक शामिल हैं।