UPSC अभ्यर्थियों का आखिरी मौका भी गवां दिया कोरोना महामारी ने, केन्द्र नहीं देगा एक और चांस

UPSC की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के साथ कोरोना महामारी ने बहुत बड़ा छल कर दिया है। जिनका इस बार आखिरी मौका था वे इस महामारी के कारण प्रारम्भिक परीक्षा नहीं दे पाये।

और अब केंद्र सरकार ने भी साफ कर दिया है कि वह कोरोना महामारी की वजह से आखिरी मौका गंवाने वाले UPSC अभ्यर्थियों को एक और मौका नहीं देगी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई थी।

इस दौरान जस्टिस एएम खानविलकर अध्यक्षता वाली पीठ को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बताया कि सरकार अभ्यर्थियों को एक और मौका दिए जाने पर राजी नहीं है।

बता दें कि जस्टिस एएम खनविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने 22 जनवरी को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू का निवेदन संज्ञान में लिया था।

उसने केंद्र सरकार को मामले में हलफनामा दाखिल करने को कहा था। राजू ने पीठ से कहा था, ‘हम एक और मौका देने को तैयार नहीं हैं।

मुझे एक हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दें… बीती रात ही मुझे निर्देश मिला कि हम इससे सहमत नहीं हैं।’

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पीठ ने राजू को हलफनामे की एक प्रति सिविल सेवा अभ्यर्थी रचना के वकील को भी मुहैया कराने के लिए कहा था।

रचना ने परीक्षा में बैठने के लिए एक अतिरिक्त मौका प्रदान करने की मांग को लेकर अदालत का रुख किया है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 30 सितंबर को देश के कई हिस्सों में कोविड-19 महामारी और बाढ़ के कारण यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने से इनकार कर दिया था।

हालांकि, उसने केंद्र सरकार और संघ लोकसेवा आयोग को निर्देश दिया था कि वे उन अभ्यर्थयों को एक अतिरिक्त मौका देने पर विचार करें, जिनका 2020 में आखिरी प्रयास है।

उस समय पीठ को बताया गया था कि इस मामले में औपचारिक निर्णय केवल डीओपीटी ले सकता है।

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