BBAU: अय्याश सवर्ण प्रोफेसर ने दलित छात्रा से कहा ‘मेरे साथ एक रात बिताओ तुम्हारे नंबर बढ़ा दूँगा’

BY-FIRE TIMES TEAM

  • लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजीव कुमार चड्ढा ने गुरु-शिष्य (शिष्य-शिक्षक) परंपरा को तोड़ा है।
  • बीबीएयू में दलित छात्रा ने विभागाध्यक्ष पर लगाया शोषण का आरोप।
  • छुट्टी देने के बहाने की अश्लील हरकत।
  • संबंध बनाने पर नंबर बढ़ाने का दिया लालच।
  • विश्वविद्यालय में न्याय नहीं मिला तो पीड़िता ने पीएम, अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग में की शिकायत।
  • विधि विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो संजीव कुमार चड्ढा के द्वारा दलित छात्रा के साथ शारीरिक एँव मानसिक शोषण कर रहे हैं।

डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) की एलएलएम (प्रथम वर्ष) की दलित छात्रा ने विभाग के एक वरिष्ठ प्रोफेसर पर यौन शोषण और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

छात्रा ने शुक्रवार को प्रोफेसर के खिलाफ कुलपति प्रो संजय सिंह के पास एक लिखित शिकायत (फायर टाइम्स के पास एक प्रति) दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रोफेसर ने उसे अवकाश आवेदन देने के नाम पर यौन शोषण की मांग करते हुए रात साथ में बिताने की बात कही।

पीड़िता ने इस घटना की लिखित शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, MHRD,UGC व बीबीएयू के कुलपति, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर व कुलानुशासक से की है।

पीड़िता द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित शिकायत किए तीन दिन हो गए है लेकिन कुलपति जी कार्यवाही करने की बजाय आरोपी सजातीय प्रोफेसर को बचाने में लगे हुए हैं।

यदि इस घटना का संबंध दलित प्रोफेसर के साथ होता तो सवर्ण प्रोफेसर की सभी लॉबी दलित प्रोफेसर के खिलाफ निलंबन आदि के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए एकजुट हो जाती।

इस घटना को दबाने के लिए सभी सवर्ण जाति के प्रोफेसरों और प्रशासन / सवर्ण छात्र लॉबी ने घटना को दलित छात्रा से संबंधित होने के कारण प्रोफेसर संजीव कुमार चड्ढा को बचाने के लिए एक मोर्चे पर एकजुट हो गए हैं।

कुछ दिन पहले घटना घटी है कि इश्कबाज प्रोफेसर संजीव कुमार चड्ढा ने दलित छात्रा का शारीरिक शोषण और मानसिक शोषण किया था और उसके साथ मिलकर छात्रा की हत्या का प्रयास किया था। लेकिन घटना के इस मोर्चे पर इस विश्वविद्यालय के कुलपति ने अभी तक प्रोफेसर संजीव कुमार चड्ढा के खिलाफ विश्वविद्यालय के कुलपति के समान जाति से संबंधित होने के कारण कोई उचित कार्रवाई नहीं की है क्योंकि घटना दलित छात्रा से संबंधित है।

पीड़िता ने लिखित शिकायत पत्र में बताया, “मैं अस्वस्थ थी, इसलिए मैंने छुट्टी लेने का फैसला किया। छुट्टी लेने के लिए, एक छात्र को वरिष्ठ प्रोफेसर द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित छुट्टी का आवेदन जमा करना होता है। इसलिए मैंने प्रोफेसर चड्ढा को फोन किया और उन्होंने कहा कि वह खुद आयेंगें छात्रावास और हस्ताक्षर कर देंगें।”

छात्रा ने आगे लिखा कि प्रोफेसर जब छात्रावास आए तो उसे अपनी कार में बैठने के लिए कहा। प्रोफेसर ने कहा कि वह कार में ही आवेदन पर हस्ताक्षर करेगा। जब छात्रा कार में बैठ गई तो प्रॉफेसर कार थोड़ी दूर लेके गया और उसे बीयर पीने के लिए मजबूर किया, उसे गलत और अश्लील तरीके से छुआ और यहां तक ​​कि उसके चेहरे पर एक सिगरेट भी फूंक दी।

छात्रा के विरोध पर प्रोफेसर ने उसे किसी से शिकायत करने पर उसका करियर खराब करने की धमकी दी। छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि उसे छात्रावास में वापस छोड़ते समय उसने उसे अतिरिक्त अंक प्राप्त करने के लिए उसके साथ एक रात बिताने के लिए भी कहा।

लड़की ने कहा, “मैं डर गई और घर वापस चली गई और अपने माता-पिता को पूरी घटना सुनाई, जिन्होंने मुझे प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए कहा। मैंने पहले मौखिक शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।”

प्रोफेसर के द्वारा पीड़िता व उसके परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है कि शिकायत वापस ले लो, कुछ छात्रों के अनुसार प्रोफेसर के द्वारा पीड़ित छात्रा को पैसे दिए जाने की भी बात सामने आ रही है कि पैसे ले लो और शिकायत वापस वापस ले लो।

(नोट- छात्रा के द्वारा दिए गए शिकायत पत्र की कॉपी फायर टाईम्स के पास है।)

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