जब देश में साम्प्रदायिक माहौल लगातार खराब करने की कोशिश हो रही हो, धर्म संसद के नाम पर समुदाय विशेष को टारगेट करके असंवेदनशील टिप्पणियां की जा रही हों तब झांसी से एक खबर राहत देने वाली आई है।
दरअसल झांसी में पूनम वस्त्रालय नाम से एक कपड़े की दुकान है। परिवार जब आराम से गहरी नींद में था तब इस दुकान में भीषण आग लग गई। आग ऐसी की परिवार की जिंदगी खतरे में आ गई।
इस आग को देख दो लड़के फरिस्ता बनकर आए जिनका नाम है जुनैद और जुबैर। इन दोनों नौजवानों की वजह से पूनम वस्त्रालय के परिवार की जान बच सकी।
इस अग्निकांड में चाचा अब्दुल रहूफ ने भी अपने भतीजों के साथ आग को बुझाने का काम किया। उनके इस काम के लिए लोग अब तारीफों के पुल बांध रहे हैं।
पूनम वस्त्रालय की तीन मंजिला इमारत में भीषण आग लगी थी और आग की लपटें भयानक थीं। सामने रहने वाले जुनैद और जुबैर दो सगे भाइयों ने जान की परवाह न करते हुए आग की लपटों से निकलकर परिवार को बचाया।
लोग कह रहे अगर जुनैद-जुबैर ने हिम्मत न दिखाई होती तो पूनम वस्त्रालय के परिवार के साथ कुछ भी हादसा हो सकता है। लोगों का मानना है कि जुनैद-जुबैर फरिश्ते बनकर आये उस परिवार के लिए।