BY – FIRE TIMES TEAM
महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र के बाद अब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।
पवार ने राज्यपाल कोश्यारी के पत्र की भाषा पर सवाल उठाए हैं। पवार ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि वे कोश्यारी द्वारा लिखे गये पत्र की भाषा से स्तब्ध हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमों शरद पवार ने अपने पत्र में लिखा है कि “संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की भाषा और लहजा उनके कद के अनुरूप होना चाहिए। पवार ने ठाकरे का समर्थन करते हुए कहा कि घटनाओं को देखते हुए, मुख्यमंत्री के पास मीडिया में अपना जवाब जारी करने के अलावां कोई विकल्प नहीं बचा था।”
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर बंद पड़े धार्मिक स्थलों को दोबारा खुलवाने की बात कही थी। पत्र में एक लाइन यह भी थी कि क्या आप धर्मनिरपेक्ष हो गये हैं ? जिस शब्द से आप हमेशा नफरत करते थे।
इस पत्र में राज्यपाल कोश्यारी ने लिखा था कि क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भगवान की ओर से कोई चेतावनी मिली है कि धार्मिक स्थलों को दोबारा खोले जाने को टालते रहे हैं।
Tone & tenor must always be in keeping with stature of constitutional post occupied by individuals. Looking at the turn of events, CM was left with no option but to release his reply to Gov in press. I endorse CM's decision on the issue: NCP chief in a letter to PM. #Maharashtra https://t.co/0nft7zfxaE pic.twitter.com/p58TjCSdWQ
— ANI (@ANI) October 13, 2020
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे पत्र में कोश्यारी ने कहा था कि उन्हें तीन प्रतिनिधमंडलों से धार्मिक स्थलों को खोलने का प्रतिवेदन मिला है।
वहीं मुख्यमंत्री ठाकरे ने राज्यपाल के सवाल के जवाब में कहा कि क्या कोश्यारी के लिए हिन्दुत्व का मतलब सिर्फ धार्मिक स्थलों को पुनः खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते वक्त शपथ ग्रहण की थी।
आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की भावनाओं और आस्था का ध्यान रखने के साथ-साथ उनके जीवन की रक्षा करना भी अहम है। लॉकडाउन अचानक लागू करना और समाप्त करना सही नहीं है।