असम में कोकराझार पुलिस द्वारा दलित नेता और वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी को लेकर पिछले कुछ दिनों से पूरे गुजरात में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। मेवाणी को इस मामले में सोमवार को ही जमानत मिल गई थी। जमानत के बाद बारपेटा पुलिस ने एक अन्य मामले में दोबारा गिरफ्तार कर लिया।
जिग्नेश की गिरफ्तारी को लेकर न केवल गुजरात में बल्कि यूथ कांग्रेस द्वारा कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया गया। यही नहीं इस गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब लोग लिख रहे हैं।
जिग्नेश की गिरफ्तारी को लेकर विरोध दो स्तरों पर चल रहा है। एक कांग्रेस पार्टी द्वारा, जिसमें मेवाणी पिछले साल कन्हैया कुमार के साथ शामिल हुए थे। दूसरा विभिन्न समूहों के स्तर पर, मुख्य रूप से दलित नेतृत्व और नागरिक समाज संगठनों के स्तर पर।
जमीनी स्तर पर मौजूद सूत्रों का कहना है कि इनमें से कई विरोध प्रदर्शन अचानक और स्वतःस्फूर्त रहे हैं जिनमें ज्यादातर युवा और महिलाएं भाग ले रही हैं। विरोध प्रदर्शन मंगलवार से तेज होने की उम्मीद है। राज्य में हाल ही में हिम्मतनगर, वेरावल और खंबात जैसी जगहों पर सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं।
आपको बता दें मेवाणी को कथित तौर पर 20 अप्रैल को गुजरात के बनासकांठा के पालनपुर में एक सरकारी सर्किट हाउस से असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उनके खिलाफ कोकराझार में एक ट्वीट के संबंध में मामला दर्ज किया गया था जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और एक का उल्लेख किया गया था।
जमानत मिलने के बाद मेवाणी की दोबारा गिरफ्तारी की खबरों से जो बात निकल कर आ रही है उसमें बताया जा रहा है कि एक महिला पुलिस अधिकारी से मारपीट के आरोप में ऐसा हुआ है।
गुजरात में इस बीच, अहमदाबाद पुलिस ने बाद में राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के कार्यालय, मेवानी के निजी सहायक के घर के साथ-साथ विधायक छात्रावास परिसर में छापा मारा, जिसमें एक कंप्यूटर सीपीयू और कुछ मोबाइल फोन जब्त किए गए।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच की स्थापना 2016 में ऊना में दलित पुरुषों पर दिनदहाड़े हुए कुख्यात हमले के बाद मेवानी और उनके सहयोगियों द्वारा की गई थी। मंच ने विरोध प्रदर्शन और ऊना तक एक विरोध मार्च की अगुवाई की थी जिसने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया था।
मेवाणी के सहयोगियों और समर्थकों ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद से पूरे गुजरात में तहसील स्तर तक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। सोमवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने मेहसाणा में जिला अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनके समर्थकों के खून से अंगूठे के निशान थे।