कृषि कानूनों को वापस लेने की PM मोदी की घोषणा हृदय परिवर्तन से नहीं बल्कि चुनाव के डर से प्रेरित है: पी चिदंबरम

 BY- FIRE TIMES

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि से संबंधित जो नए कानून बनाये गए हैं उनको वैधानिक तरीके से वापस करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद देश में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली। विपक्ष ने इसे किसानों की बड़ी जीत बताया तो वहीं सत्ता पक्ष ने मोदी जी का किसानों के हित में फैसला।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!’

कांग्रेस के नेता पी.चिदंबरम ने कहा, लोकतांत्रिक विरोध से जो हासिल नहीं किया जा सकता, वह आने वाले चुनावों के डर से हासिल किया जा सकता है! तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा नीति परिवर्तन या हृदय परिवर्तन से प्रेरित नहीं है। यह चुनाव के डर से प्रेरित है!

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा, ‘किसानों को बधाई। उन्हें भी,जिन्होंने किसानों को आतंकवादी,आंदोलनजीवी कहा। किसानों ने देश को जनता होना सिखाया है,जिसे रौंद दिया गया था। आवाज़ दी है। गोदी मीडिया आज भी किसानों की बात किसानों के लिए नहीं ‘उनके’ लिए करेगा।किसानों ने समझा दिया कि किसानों को कैसे समझा जाता है।’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘एक साल पहले की तस्वीर याद करें। गोदी मीडिया किसान आंदोलन को आतंकवादी कहने लगा। उस अफ़सर को याद करें जिसने किसानों का सर फोड़ देने की बात कही और सरकार उसके साथ खड़ी रही। किसानों ने विज्ञान भवन में ज़मीन पर बैठकर अपना खाना खाया। उन कीलों को याद करें जो राह में बिछाई गई।’

समाजवाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा, ‘

अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।’

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