हाथरस मामला: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में 19 वर्षीय दलित महिला के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को एक आरोपपत्र दायर किया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सितंबर में उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में चार पुरुषों द्वारा 19 वर्षीय दलित महिला के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले में एक आरोपपत्र दायर किया है।
आरोप पत्र 22 सितंबर को दिए गए पीड़ित के अंतिम बयान के आधार पर दायर किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
एक आधिकारिक बयान में सीबीआई ने कहा, ‘सीबीआई ने आज हाथरस में एक घटना से संबंधित एक मामले में सक्षम न्यायालय, हाथरस में 04 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। यह मामला सीबीआई ने 11 अक्टूबर 2020 को दर्ज किया था।’
दलित महिला के साथ कथित तौर पर 14 सितंबर को हाथरस में चार उच्च-जाति के पुरुषों द्वारा बलात्कार किया गया था। यही नहीं बालात्कार के बाद युवती को काफी गंभीर चोटें दी गईं। उस लड़की की उपचार के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।
दिल्ली में उसकी मृत्यु के बाद जिला प्रशासन ने कथित तौर पर रात में ही मृतक के शव का जबरन अंतिम संस्कार करा दिया था जिसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी हुई थी। प्रशासन के कथित असंवेदनशील रवैये के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय से कुछ तीखी टिप्पणी भी की थी।
सीबीआई द्वारा हाथरस मामले में जिन आरोपियों को लेकर आरोप पत्र दायर किया गया है वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें गांधीनगर में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में विभिन्न फोरेंसिक परीक्षणों के माध्यम से भी रखा गया था।
सीबीआई जांचकर्ताओं ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टरों से भी मुलाकात की जहां कथित गैंगरेप के बाद पीड़िता का इलाज किया गया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अपनी जांच के दौरान पाया कि चार आरोपियों में से एक अपनी स्कूल मार्कशीट के अनुसार नाबालिग है। सीबीआई ने यह दावा करते हुए यूपी पुलिस द्वारा की गई जांच में खामियों की ओर इशारा किया।