नीतीश सरकार शिक्षक बहाली प्रक्रिया में टालमटोल के जरिए शिक्षा व्यवस्था के साथ मजाक कर रही है

 BY- FT
  • पटना में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों के बर्बर दमन और सोशल मीडिया की आजादी पर बिहार सरकार के हमले के खिलाफ 94 हजार टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों की बहाली की लंबित प्रक्रिया अविलंब पूरी करने व शिक्षकों के तमाम रिक्त पदों को अविलंब भरने की मांगों को लेकर बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) के बैनर तले आज भागलपुर स्टेशन चौक पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का  पुतला दहन व प्रतिवाद प्रदर्शन किया गया.
  • इस मौके पर नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के अभिषेक आनंद और चंदन पासवान ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से लंबित शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को पूरा करने के जायज मांग पर 18 जनवरी से पटना के गर्दनीबाग में चल रहे शिक्षक अभ्यर्थियों के आंदोलन की आवाज को बिहार सरकार अनसुना कर रही है. उल्टे ही पिछले दिनों आंदोलनकारियों पर बर्बर दमन ढ़ाया गया. बिहार सरकार द्वारा नौजवानों के दमन व अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
  • विभूति और कुंदन कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार शिक्षा विरोधी है, छात्र-युवा विरोधी है. बिहार में 3 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं. शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए तमाम रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिक जरूरत है. लेकिन सरकार शिक्षक बहाली प्रक्रिया में टालमटोल के जरिए शिक्षा व्यवस्था और छात्र-युवाओं के साथ मजाक कर रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

  • सौरव राणा और राजेश रौशन ने कहा कि बिहार सरकार घोर लोकतंत्र विरोधी है. एक तरफ लोकतांत्रिक आंदोलन का दमन कर रही है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने वाला सरकारी आदेश निकाला गया है. सरकार, मंत्रीगण, सांसद, विधायक एवं सरकारी पदाधिकारियों के खिलाफ लिखने पर पाबंदी लगाई जा रही है.यह खतरनाक है.

  • साजन ने कहा कि बिहार सरकार अविलंब 94000 अभ्यर्थियों का कॉउंसिलिंग और नियुक्ति पत्र जारी करने की तिथि घोषित करे और सोशल मीडिया पर पाबंदी लगाने वाले आदेश को वापस ले.

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