लगन, मेहनत और हार न मानने की जिद इंसान को एक न एक दिन तरक्की पर जरूर ले जाती है। इसका सबसे ताजा उदाहरण मीराबाई चानू हैं।
मणिपुर की रहने वाली महज 26 साल की मीराबाई चानू ने ओलंपिक में भारोत्तोलक के 49 किलो वर्ग में रजत पदक जीता है। इस प्रतिस्पर्धा में भारत का 21 वर्ष का इंतजार आखिरकार चानू ने खत्म कर दिया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ” मैं बहुत खुश हूं, मैं पिछले पांच वर्षों से इसका सपना देख रही थी। इस समय मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है। मैंने स्वर्ण पदक की कोशिश की, लेकिन रजत पदक भी मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।”
I am really happy on winning silver medal in #Tokyo2020 for my country 🇮🇳 pic.twitter.com/gPtdhpA28z
— Saikhom Mirabai Chanu (@mirabai_chanu) July 24, 2021
आपको पता होगा 2016 में ओलंपिक रियो में हुआ था। उस समय चानू का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। तब वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकी थीं।
आज देश को चांदी दिलाने वाली चानू ने 2016 में इसी मंच से रोते हुए अलविदा कहा था। तब उनका बड़े मंच पर पदार्पण था। चानू ने स्वयं कहा था कि वह बड़े मंच पर पदार्पण करते हुए काफी घबराई हुई थीं।
खैर चानू ने आगे चलकर अपने खेल को बेहतर किया। उनकी मेहनत और लगन का नतीजा है कि इस प्रतिस्पर्धा में पहली बार देश को रजत पदक मिला है।