BY – FIRE TIMES TEAM
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती का आज 65वां जन्मदिन मनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में दलित राजनीति का चेहरा बनी मायावती का जन्मदिन चर्चा में बना रहता है।
आइये जानते हैं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के राजनीतिक और सामाजिक सफर के विषय में।
मायावती(Mayawati) का प्रारम्भिक जीवन –
- मायावती का जन्म 15 जनवरी, 1956 में दिल्ली में एक दलित परिवार के घर पर हुआ।
- पिता प्रभु दास जी भारतीय डाक-तार विभाग के वरिष्ठ लिपिक के पद से सेवा निवृत्त हुए।
- उनकी माता रामरती अनपढ़ महिला थीं परन्तु उन्होंने अपने सभी बच्चों की शिक्षा में रुचि ली और सबको योग्य भी बनाया।मायावती के 6 भाई और 2 बहनें हैं।
- इनका पैतृक गाँव बादलपुर है जो उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में स्थित है।
- बीए करने के बाद उन्होंने दिल्ली के कालिन्दी कॉलेज से एलएलबी किया।
- इसके अतिरिक्त उन्होंने बीएड भी किया।
- अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के एक स्कूल में एक शिक्षिका के रूप में की।
- उसी दौरान उन्होंने सिविल सर्विसेस की तैयारी भी की।
- वे अविवाहित हैं और अपने समर्थकों में ‘बहनजी’ के नाम से जानी जाती हैं।
यह भी पढेंः यूपी में परशुराम की मूर्ति पर सियासत के बाद मायावती का प्रतिमा प्रेम फिर आया सामने
मायावती(Mayawati) का मन पिता के प्रति हुआ खिन्न, जब पिता ने बेटा और बेटी में किया फर्क-
- मायावती के दादा मंगलसेन अंग्रेज सेना में सिपाही रह चुके थे और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इटली में लड़े थे।
- वो अपने दादा की चहेती थीं, वह उनकी बुद्धिमानी, निष्पक्षता और ऊंचे विचारों की सराहना करती हैं।
- लेकिन पिता के लिए मायावती के मन में खुली अवहेलना की भावना थी जो रिश्तेदारों की सलाह पर दूसरी पत्नी लाने को तैयार थे क्योंकि उनकी मां ने एक के बाद एक तीन बेटियों को जन्म दिया था।
- रिश्तेदारों ने उनके कान भर दिए थे कि प्रभुदास अपने पिता के इकलौते बेटे हैं, वंश आगे बढ़ाने के लिए उन्हें बेटा पैदा करना ही पड़ेगा।
- उन्हें कई साल बाद तक अपनी मां का दुख और अपमान याद था जो उनके पिता ने पुत्र को पाने के लिए किया था।
- मायावती के दादा मंगलसेन ने अपने बेटे प्रभुदास से और उनके साथियों को बुलाकर कहा कि मेरा वंश पोतियां ही चलाएंगी।
- हम अपनी पोतियों को ही अच्छी तरह पढ़ा लिखाकर होनहार बनाएंगे।
- कुछ टाइम बाद मायावती की मां ने एक के बाद एक 6 बेटों को जन्म दिया और एक तरह से तानों का बदला ले लिया।
- मायावती को याद है कि उनके पिता ने बेटियों को मुफ्त शिक्षा दिलाने के लिए सरकारी स्कूलों में भेजा और बेटों की पढ़ाई पर अच्छा पैसा खर्च किया।
बहन जी का राजनीतिक सफर –
- 1977 में मायावती, कांशीराम के सम्पर्क में आयीं।
- वहीं से उन्होंने एक नेत्री बनने का निर्णय लिया।
- कांशीराम के संरक्षण में 1984 में बसपा की स्थापना के दौरान वह काशीराम की कोर टीम का हिस्सा रहीं।मायावती ने अपना पहला चुनाव उत्तर प्रदेश में मुज़फ्फरनगर के कैराना लोकसभा सीट से लड़ा था।
- 3 जून 1995 को मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। और उन्होंने 18 अक्टूबर 1995 तक राज किया।बतौर मुख्यमंत्री दूसरा कार्यकाल 21 मार्च 1997 से 21 सितंबर 1997 तक
- तीसरा कार्यकाल 3 मई 2002 से 29 अगस्त 2003 तक
- और चौथी बार 13 मई 2007 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद ग्रहण किया।
- इस बार उन्होंने पूरे पांच साल तक राज किया, लेकिन 2012 में समाजवादी पार्टी से हार गयीं।
- वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश सरकार ने ताज हेरिटेज कॉरिडोर का निर्माण शुरू किया।
- देखते ही देखते पूरा प्रोजेक्ट विवादों में आ गया।मायावती की टेबल, तमाम सारे ज्ञापनों, पर्यावरण विभाग के नोटिस, सीबीआई के नोटिस, सुप्रीम कोर्ट के नोटिसों से भर गई।
- ऊपर से विपक्षी दलों ने उनपर जमकर हमले किये।
- इस दौरान सीबीआई ने मायावती के 12 आवासों पर रेड डालीं।
- उसी दौरान आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ।
- इसमें 17 करोड़ रुपए की हेराफेरी के आरोप लगे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मायावती को आरोपी बनाया गया था।
- सीबीआई की मायावती और नसीमुद्दीन के खिलाफ चार्जशीट में कई त्रुटियां की थीं।