किसानों के प्रदर्शन को लगभग 1 महीना हो गया है। सरकार झुकने को तैयार नहीं और किसान मानने को। उन्होंने अपने प्रदर्शन को और तेज कर दिया है। इस प्रदर्शन के दौरान कुछ किसानों की जान तक जा चुकी है।
किसानों के हौसले को बढ़ाने के लिए पूर्व न्यायाधीश मार्केंडेय काटजू ने एक कविता का सहारा लिया। अपने फेसबुक पेज पर इस कविता को लिखकर उन्होंने शेयर किया।
आप भी पढ़िए कौन सी कविता उन्होंने शेयर की है।
सामने पहाड़ हो
सिंह की दहाड़ हो
तुम कभी रुको नहीं
तुम कभी झुको नहीं .
तुम निडर डरो नहीं
तुम निडर डटो वहीं
वीर तुम बढ़े चलो!
धीर तुम बढ़े चलो!
प्रात हो कि रात हो
संग हो न साथ हो
सूर्य से बढ़े चलो
चन्द्र से बढ़े चलो
वीर तुम बढ़े चलो!
धीर तुम बढ़े चलो!
एक ध्वज लिये हुए
एक प्रण किये हुए
मातृ भूमि के लिये
पितृ भूमि के लिये
वीर तुम बढ़े चलो!
धीर तुम बढ़े चलो!
अन्न भूमि में भरा
वारि भूमि में भरा
यत्न कर निकाल लो
रत्न भर निकाल लो
वीर तुम बढ़े चलो!
धीर तुम बढ़े चलो!