BY – FIRE TIMES TEAM
अखिलेश सरकार में लखनऊ में बनाये गये गोमती रिवर फ्रन्ट पर हजारो करोड़ खर्च किये गये। इसके काम को पूरा होने को लेकर हो रही देरी लोगों को पच नहीं रही थी। तीन साल पहले राज्य सरकार ने इस योजना में घोटाले की आशंका के मद्देनजर सीबीआई जांच की संस्तुति की थी।
सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन की टीम इस मामले की जांच कर रही थी। 1513 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रही थी। ईडी इस मामले में 8 आरोपियों में से 5 से पूछताछ भी कर चुकी है।
सीबीआई ने शुक्रवार को तत्कालीनन इक्जीक्यूटिव इंजीनियर रूप सिंह यादव और एक वरिष्ठ सहयोगी को गिरफ्तार किया है। एंटी करप्शन ब्रांच ने इस मुकदमें के लिए आधार सिंचाई विभाग की ओर से गोमती नगर थाने में दर्ज कराए गये मुकदमे को बनाया गया था।
इस मामले में सिंचाई विभाग के एसएन शर्मा, काजिम अली, गुलेश चंद, शिवमंगल यादव, कमलेश्वर सिंह, अखिल रमन, रूप सिंह यादव, सुरेश यादव नामजद किए गये थे।
शुरुआती जांच में पता चला कि प्रोजेक्ट में मनमुताबिक खर्च दिखाकर घोटाला किया गया है। बताया गया है कि यह प्रोजेक्ट 1513 करोड़ का था। इसमें 1437 करोड़ का खर्च काम पर किये गये लेकिन 60 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया।
अखिलेश सरकार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था। योगी सरकार में मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि सिंचाई विभाग मेरे पास है। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक की तो उसमें पाया गया कि रिवर फ्रन्ट बड़ा प्रोजेक्ट था। जो पिछली सरकार थी उसके नाक के नीचे यह घोटाला हुआ। जो कोई भी भ्रष्टाचार, फिरौती, बदमाशी करेगा, उसके साथ कड़ा व्यवहार किया जायेगा।