दिल्ली और उसके आस पास जिलों में प्रदूषण की समस्या काफी गंभीर बनती जा रही है। हर साल ठंड के मौसम में प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ जाता है जिसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं।
प्रदूषण बढ़ने के साथ ही अब पराली की समस्या पर बहस छिड़ गई है। पराली जलाने का मुद्दा अब कोर्ट में पहुंच चुका है। कोर्ट ने भी किसानों के हित में बहुत कुछ बोला है।
दिल्ली में एयर क्वालिटी में लगातार बहुत ज्यादा खतरनाक स्थिति में बनी हुई है। यहां का एयर क़्वालिटी इंडेक्स बुधवार को 379 रहा जो बहुत खराब कैटेगरी में आता है।
सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण के मसले पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब तलब भी कर चुका है। बुधवार को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकारों से कहा कि वे किसानों के पराली जलाने पर विवाद करना बंद करें।
केंद्र और राज्य सरकारों के बीच पराली जलने का लेकर आरोप-प्रत्यारोप पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि सरकार अगर पराली जलाने को लेकर किसानों से बात करना चाहती है तो बेशक करे, लेकिन हम किसानों पर कोई जुर्माना नहीं लगाना चाहते।
दिल्ली के 5-7 स्टार होटलों में बैठकर किसानों पर टिप्पणी करना बहुत आसान है। लेकिन कोई यह नहीं समझना चाहता कि किसानों को पराली क्यों जलानी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि किसी भी स्रोत से ज्यादा प्रदूषण टीवी चैनलों पर होने वाली बहस-बाजी से फैलता है। वहां हर किसी का कोई न कोई एजेंडा है। हम यहां उपाय ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।