नजरिया

डॉ. सुमित्रा महरोल की आत्मकथा ‘टूटे पंखों से परवाज़ तक’ का वाचन और परिचर्चा का हुआ आयोजन

BY-  पूजा प्रजापति अखिल भारतीय दलित लेखिका मंच की ओर से 1 मार्च 2021 की शाम डॉ. सुमित्रा महरोल की आत्मकथा ‘टूटे पंखों से परवाज़ तक’ का आत्मकथांश वाचन और परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें आत्मकथाकार डॉ. सुमित्रा महरोल, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश कर्दम, परिचर्चा के संयोजक, सूत्रधार के …

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जब गोलवलकर से आरएसएस तक को भले दिखावे के लिए ही सही, पल्ला झाड़ना पड़ा

आलेख : बादल सरोज पिछले सप्ताह भारत सरकार के संस्कृति मंत्री के गोलवलकर की महिमा का बखान करते हुए किये गए ट्वीट ने देश के राजनीतिक विमर्श को आधिकारिक रूप से एक नयी नीचाई तक पहुंचा दिया है। यह बखान इसलिए काबिले गौर है, क्योंकि यह मंत्री के पद पर …

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एक साल में ही हकीकत बन गयी है वेक्सीन पासपोर्ट /इम्यूनिटी पासपोर्ट, क्या ID 2020 अब एक हकीकत है?

BY- पुनीत सम्यक तो आज सुबह की हेडलाइन यह है कि मोदीजी ने वेक्सीन लगवा ली है पूरे विश्व मे एक खतरनाक खेल शुरू हो गया है यह खेल है डिस्क्रिमिनेशन का, भेदभाव का। यह नयी विश्व व्यवस्था की शुरुआत है क्योंकि एक नया पासपोर्ट अस्तित्व में आया है। वो बात …

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सहजानन्द सरस्वती: एक स्वामी, जिन्होंने किसान आंदोलन की दिशा-दशा बदल दी

 BY : बादल सरोज इतिहास के सबसे विराट किसान आंदोलन ने इन दिनों पूरे देश को झंकृत करके रखा हुआ है। यह किसानों के अद्भुत जागरण और असाधारण जिजीविषा के उभार का समय है। यह समय एक असामान्य सामाजिक मंथन का समय है, जिसने भारत के नागरिकों को सब कुछ …

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BJP फर्जी राष्ट्रवाद का कुहासा फैलाकर अपने आकाओं की तिजोरी भरना चाहती है : बादल सरोज

BY – बादल सरोज इस बार 21-22 वर्ष की दिशा रवि को बिना किसी तरीके की सुनवाई के सीधे 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। दिशा पर देशद्रोह, राष्ट्र के खिलाफ बगावत और न जाने कैसे-कैसे संगीन आरोप मढ़े गए हैं, अभी और कुछ आरोप गढ़े जाएंगे। …

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मोदी राज में आंदोलन अपराध है, क्योंकि यह हिटलर राज है

 BY- बादल सरोज  बिहार के, अब सिर्फ नाम भर के, मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने फतवा जारी किया है कि अब जो भी किसी धरना, चक्का जाम या किसी आंदोलन में भाग लेगा, उसे न नौकरी दी जायेगी, न कोई ठेका दिया जायेगा, न किसी भी तरह की सरकारी योजनाओं का …

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हमारा सभ्य समाज और गालियां

BY- आरती रानी प्रजापति भाषा मनुष्य की एक जरूरत है। हम भाषा के बिना किसी से संपर्क नहीं कर सकते। भाषा प्रतीकों में हो, लिखित हो, मौखिक हो या दृश्य, भाषा होनी चाहिए। भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है। लेकिन आज के समय में भाषा गाली देने का माध्यम बन चुकी …

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प्रचारजीवी सरकार: देश में लाखों लोग भूख, गरीबी से मर रहे हैं और प्रचार में अरबों रुपया फूँक दिया गया

 BY- पुनीत सम्यक कल जब सदन में उन्होंने ‘आन्दोलनजीवी’ ‘परजीवी’ शब्दों का इस्तेमाल किया तो समझ आ गया कि ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ वाली बात सही साबित हो रही है. खैर…. जो बता रहा हूँ उससे आपके होश फाख्ता हो जाएंगे. भूख, गरीबी से मरते लोगों के इस मुल्क में …

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भाषणजीवी प्रधानमंत्री को आंदोलन में जाने वाला परजीवी नज़र आता है: रवीश कुमार

 BY- FIRE TIMES TEAM पिछले कई हफ्तों से किसान नए कृषि बिल के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें कई किसानों की जान तक जा चुकी है। अब तक सरकार का रुख कुछ खास बदलता नजर नहीं आया है। राज्य सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष …

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देश का अन्नदाता सड़क पर आंदोलन कर रहा है तो मिडिल क्लास को क्यों साथ आना चाहिए?

 BY- अखिल सिंह प्रिय मिडिल क्लास मैं अखिल आप सभी को एक खुला पत्र लिख रहा हूँ, मेरी बातें आपको कड़वी लगेंगी पर कहना जरूरी है ताकि आप कुछ पल के लिए अपने आप से सवाल करें और मन्थन करें। पूरी दुनियां से भारत का मिडिल क्लास बिल्कुल अगल है, …

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