BY- FIRE TIMES TEAM
उत्तर प्रदेश और बिहार में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र प्रदर्शन को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया।
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा कि, “पहले यूपीटीएनटी और अब रेलवे के आरआरबी-एनटीपीसी रिजल्ट को लेकर यूपी व बिहार में कई दिनों से भारी हंगामा जारी है। यह सरकारों की विफलताओं का ही नतीजा है। गरीब युवाओं व बेरोजगार नौजवानों के भविष्य के साथ ऐसे खिलवाड़ और विरोध करने पर उनकी पिटाई सर्वथा अनुचित है।”
मायावती आगे ट्वीट किया कि, “सरकार की गलत नीतियों के कारण गरीबी व बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है, सरकारी नौकरी व उनमें आरक्षण की सुविधा गौण हो गई है, ऐसे में वर्षों से छोटी सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा भी सही से नहीं होना अन्यायपूर्ण है। बीजेपी युवाओं से पकौड़ा बिकवाने का अपना संकीर्ण विज़न बदले।”
2. सरकार की गलत नीतियों के कारण गरीबी व बेरोजगारी चरम पर पहुँच गई है। सरकारी नौकरी व उनमें आरक्षण की सुविधा गौण हो गई है। ऐसे में वर्षों से छोटी सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा भी सही से नहीं होना अन्यायपूर्ण। भाजपा युवाओं से पकोड़ा बिकवाने का अपना संकीर्ण विज़न बदले। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) January 27, 2022
रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में छात्रों ने कर बिहार और यूपी में विरोध प्रदर्शन किया, जो अन्य हिस्सों में फैल गया।इस दौरान छात्रों की पुलिस के साथ भी झड़प हुई।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। विरोध-प्रदर्शन की घटनाएं पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बक्सर और भोजपुर जिलों से हुईं। कुछ जगहों पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया और सुरक्षा बलों से भिड़ गए और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
साथ ही छात्रों ने बिहार में गया रेलवे जक्शन के आउटर सिग्नल पर खड़ी एमटी ट्रेन के कोच में आग लगा दी है, आग इतनी भयंकर लगी कि धुएं का गुबार देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था। उन्होंने अधिकारियों पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
परीक्षा परिणाम 15 जनवरी को घोषित होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा है, उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था। सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी।
यह भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस: उत्तराखंड की टोपी और मणिपुर का गमछा, पीएम मोदी की नजर बस चुनाव पर
यह भी पढ़ें- हाथरस कांड 2020: वोट देते वक्त इन बातों को भी याद करना जरूरी है!