रिहाई मंच की टीम परबत्ता विधानसभा पहुंची. वहां से बिहार में जमीन से उभर रहे बहुजन आंदोलन के चर्चित युवा कार्यकर्ता नवीन कुमार मैदान में हैं. वे बिहार में सामाजिक न्याय की लड़ाई को नये सिरे से गढ़ने की जद्दोजहद कर रहे दलित-बहुजन संगठनों के साझा मंच-सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के कोर कमिटी सदस्य भी हैं.
वे खासतौर पर अति पिछड़ों को संगठित करने का काम कर रहे हैं साथ ही सफाईकर्मियों के आंदोलन से भी जुड़े हैं. रिहाई मंच की टीम महासचिव राजीव यादव के नेतृत्व में बिहार चुनाव में जमीनी स्तर पर सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र के पक्ष में संघर्षरत उम्मीदवारों के पक्ष में अभियानरत है. बांके लाल यादव, शकील कुरैशी,अवधेश यादव, आदिल आज़मी और अज़ीमुश्शान फ़ारूक़ी टीम में शामिल हैं.
रिहाई मंच की टीम ने परबत्ता विधानसभा में नवीन कुमार के पक्ष में अभियान चलाया और नेताओं ने कई नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया.
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि सवर्णों के शासन-सत्ता की संस्थाओं व अन्य क्षेत्रों में वर्चस्व की गारंटी के लिए 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले ही 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है, जिसका असर साफ तौर पर दीख रहा है.
अब एससी,एसटी व ओबीसी के आरक्षण को अंतिम तौर पर ठिकाने लगाने की साजिश की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी केन्द्र सरकार के साथ आरक्षण के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा है. बहुजनों को सामाजिक न्याय के दुश्मन एनडीए को हराना है.
उन्होंने कहा कि एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण पर जारी हमले, ओबीसी को आबादी के अनुपात में 54% आरक्षण की गारंटी करने, क्रीमी लेयर का असंवैधानिक प्रावधान और असंवैधानिक सवर्ण आरक्षण को खत्म करने के साथ ही न्यायपालिका, मीडिया और निजी क्षेत्र में आबादी के अनुपात में एससी-एसटी-ओबीसी के आरक्षण व जाति जनगणना के मुद्दों पर एनडीए विरोधी पार्टियां व गठबंधन चुप हैं.
राजीव यादव ने कहा कि बिहार में सामाजिक न्याय की आवाज और आंदोलन को ताकतवर बनाने के लिए नवीन कुमार को वोट देकर विधानसभा भेजें.
द्वारा-रिंकू यादव