किसान आंदोलनः संत राम सिंह के बाद एक और पंजाब के 22 वर्षीय किसान ने की आत्महत्या

BY – FIRE TIMES TEAM

कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार में तनातनी जारी है। जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिंद किसान संगठन के किसानों ने कानून के समर्थन में केन्द्र सरकार के नेताओं से मुलाकात की वहीं आंदोलनरत किसानों ने 21 दिसंबर से भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है।

इस बीच किसान आंदोलन में एक और सुसाइड की खबर सामने आई है। बठिंडा में 22 साल के किसान गुरलाभ सिंह ने रविवार को खुदकुशी कर ली। वह दो दिन पहले ही कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन से लौटा था।

इससे पहले, 16 दिसंबर को 65 साल के संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली थी। उन्होंने गुरुमुखी में लिखे सुसाइड नोट में कहा था कि यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है।

यह भी पढ़ेंः किसान आंदोलन में शामिल होने वाले संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार कर की आत्महत्या

बठिंडा के कस्बा रामपुरा फूल के दयालपुरा में रहने वाला गुरलाभ 18 दिसंबर को ही अपने वापस आया था। वह हरियाणा के बहादुरगढ़ से सटे दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर धरने में शामिल था।

उसने रविवार को जहर की गोलियां खाकर जान दे दी। शुरुआती जांच में पता चला है कि गुरलाभ सिंह छोटे स्तर का किसान था और उस पर करीब 6 लाख रुपए का कर्ज था।

जब संत राम सिंह ने कोंडली बॉर्डर पर खुदकुशी की थी तब लोग उन्हें पानीपत के पॉर्क अस्पताल लेकर गये थे। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

बाबा राम सिंह करनाल के सिंघरा गांव के रहने वाले थे। वे सिंघरा के ही गुरुद्वारा साहिब नानकसर के ग्रंथी थे। उनके अनुयाइयों की तादाद लाखों में बताई जा रही है।

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 25 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड में भी उनका प्रदर्शन जारी है। आंदोलन के दौरान अब तक अलग-अलग वजहों से 20 से ज्यादा किसानों की माैत हो चुकी है।

यह भी पढ़ेंः किसान आंदोलन में 11 किसानों की मौत के बाद राहुल ने मोदी से पूछा और कितने किसानों को देनी होगी आहुति

 

About Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *