BY- AKASH GAUTAM
मेरे प्यारे पिरधानमंत्री,
कुछ भी नहीं बिगड़ा है। आप चाहे तो क्या नहीं हो सकता। सब तंत्र मंत्र आपके हाथ में है। तिरंगे का अपमान हुआ है। मीडिया हाथ में फूकनी लिए इस मुद्दे को हवा देने में लगा है। विडियोज़ सामने हैं, आपकी मुट्ठी में तमाम जाँच एजेंसियाँ है। आप चाहे तो दिन भर में व्यक्ति विशेष की पहचान करा उसे गिरफ़्तार करवा सकते हैं। नहीं तो वो हैं न, उनसे पूछ लीजिये शायद कोई बेहतर ‘शाही’ तरीक़ा उनके पास हो।
कुछ बसों को नुकसान पहुँचा है। मुझे ख़ेद है। कई पुलिस वालों को भी पीटा गया। मुझे इसका भी ख़ेद है। मगर आश्चर्य भी है। आपकी फ़ोर्स ट्रेक्टर से नहीं लड़ पा रही है? आपकी कोई तैयारी है भी कि नहीं? सेन्ट्रल दिल्ली में कुछ लोगों का यूँ घुस जाना? बताइए! ऐसे कैसे चीन के टैंकों से भिड़ पायेंगे हम? ये तो चलिए घर के लोग थे ,मैनेज हो गया। पाकिस्तान ने ही कोई आतंकवादी भेज दिया होता तब?
ज़रा देखिये रक्षा मंत्री और गृह मंत्री की तबीयत तो ठीक है? क्या मालूम बेचारे बीमार हों, तैयारी न कर पाएं हो। मेरी मानिए उन्हें कम से कम वैक्सीन तो लगवा ही दीजिये।
पिछले दो महीनों में इस आन्दोलन में शरीक़ कई लोगों ने अपनी जान गँवाई है जिसका आप में से किसी को भी ख़ेद नहीं है। आपके कैबिनेट के पास तो शायद उसका डाटा भी न हो। मगर देशभक्त मिश्रा जी से पूछिए, किस किस बस में कहाँ कहाँ डेंट आया है वो तुरन्त बता देंगे। लाखों की भीड़ आज सड़कों पर थी. अधिकतर जगहों पर रैली शांतिपूर्ण तरीक़े से निकाली गई. जहाँ तहाँ मामला थोड़ा बिगड़ा वहाँ का DNA टेस्ट चौधरी साहब अपने चैनल पर कर चुके होंगे। आन्दोलनों में आतंकवादी ढूंढने की उनकी अपनी एक्सपरटीज़ है। उम्मीद है वो आपकी सभी उम्मीदों पर ख़रा उतरेंगे।
महोदय, इस बार शर्दी ख़ूब पड़ रही है, हो सकता है आपका ज़मीर भी इतनी शर्दी में जम गया हो। पिरधान मंत्री आवास के किसी गर्म कोने में जाकर बैठिये, सोच पाएं तो इन किसानों के बारे में थोड़ा सा सोचिये, शायद आपकी आत्मा पसीजने लगे।
बाक़ी किसी ग़लतफ़हमी में मत रहिएगा, किसानों की देह पर तो इस ठंड का कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
हाँ, जय जवान, जय किसान वाले देश में जवानों से किसानों को भिड़ा देने वाले आप पहले पिरधान मंत्री है। आपके इस मास्टर स्ट्रोक के लिए आपको शुभकामनाएं भेजता हूँ। अपना ख़याल रखें।
सप्रेम
‘बिल्लू’