BY – FIRE TIMES TEAM
आपने बीएसएनएल और हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बारे सुना होगा। लेकिन अब यूपी में योगी सरकार बिल्कुल इससे अलग तरह की अनिवार्य सेवानिवृत्ति करने जा रही है। वो भी उत्तर प्रदेश के पुलिस वालों की।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद पुलिस महकमें ने 50 की उम्र पार कर चुके पुलिस वालों को अनिवार्य सेवानिवृत्त किये जाने की कागजी कार्यवाही शुरू कर दी है।
डीजीपी मुख्यालय ने पुलिस की सभी इकाइयों के प्रमुखों, सभी आईजी रेंज और एडीजी जोन को ऐसे भ्रष्ट और नाकारा पुलिस वालों की लिस्ट भेजने के लिए पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि जो पुलिस वाले 31 मार्च, 2020 को 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, इस तरह के पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग की जाए।
अब उम्मीद जतायी जा रही है कि योगी सरकार के इस फैसले से यूपी के भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की छंटनी होनी तय है।असल में यह स्क्रीनिंग सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसकर्मियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए की जा रही है।
इसके अलांवा कुछ ही समय पहले यह खबर आई थी कि 50 साल पूरी कर चुके किसी भी विभाग के कर्मचारियों को अपेक्षित कार्य प्रदर्शन न कर पाने की स्थिति में अनिवार्य सेवानिवृत्ति कर दी जायेगी।
मुख्य सचिव आर के तिवारी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों और सचिवों से 50 की आयु पूरी कर चुके स्टाफ के कामकाज की समीक्षा करने को कहा गया था और इसकी सूची 31 जुलाई तक तैयार करने का भी निर्देश था।
क्या ऐसा करना कानूनी है ?
नियमों में ऐसी व्यवस्था है कि नियुक्ति प्राधिकारी किसी भी समय किसी भी सरकारी सेवक ( स्थायी या अस्थाई ) को नोटिस देकर बिना कोई कारण बताए उसके 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद रिटायर हो जाने की अपेक्षा कर सकते हैं।
इसी नियम के तहत समय-समय पर शासनादेश जारी करके नियुक्ति प्राधिकारियों से अक्षम कर्मचारियों को चिन्हित करके रिटायर करने को कहा जाता रहा है।
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