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यूपी पुलिस क्यों नहीं जाने दे रही है मीडिया को हाथरस पीड़िता के घर, मंत्री के पास भी कोई जवाब नहीं

BY – FIRE TIMES TEAM

हाथरस मामले में घटना के तूल पकड़ने के बाद से ही गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। और जब से एसआईटी की जांच शुरू हुई है उसके बाद से मीडिया पर भी पाबंदी लगाई गई है। गुरूवार को कुछ मीडिया कर्मी पुलिस से बचकर रिपोर्टिंग कर रहे थे। लेकिन आज खबर आ रही है कि गांव को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।

निर्भया का केस लड़ चुकी वकील सीमा कुशवाहा को भी पीड़िता के परिवार से नहीं मिलने दिया गया। एडीएम से इस दौरान तू-तड़ाक की बहस भी हुई। और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

तमाम रिपोर्टरों का कहना है कि उन्हें पीड़िता के परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा। पीड़िता के पिता ने कल एक वीडियो जारी करके कहा था कि उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है।

इसके अलांवा पीड़िता की भाभी ने भी एक वीडियो के माध्यम से जिले के अधिकारियों द्वारा परिवार को धमकाने की बात कही है। जो मामले को रफा-दफा कराना चाहते हैं।

और आज पीड़िता का छोटा भाई किसी तरह से पुलिस से बचते हुए खेतों के रास्ते चारा लेने के बहाने मीडिया कर्मियों से मिला। और बताया कि उसके परिवार वाले मीडिया कर्मियों से बात करना चाहते हैं। इसके अलावां उसने एक और बात कही कि डीएम ने उसके ताऊ को सीने पर लात मारी जिससे उनकी तबियत बिगड़ गई है।

पीड़ित परिवार ने पुलिस प्रशासन के ऊपर आरोप लगाया है कि एक तरह से पूरे परिवार को बंधक बना लिया गया है। उनके मोबाइल फोन छीन लिये गये हैं।

जब एबीपी न्यूज चैनल की एक पत्रकार पुलिस वालों से पूंछती हैं कि उन्हें गांव के अंदर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है। तो वे सिर्फ इतना कहते हैं कि उन्हें किसी को भी गांव के अन्दर आने से रोकने को कहा गया है। लिखित आदेश मांगने पर कोई जवाब नहीं दे पाते।

ऐसे ही एक  इंडिया टीवी के पत्रकार किसी तरह से खेतों से होते हुए गांव के करीब पहुंच तो गये, लेकिन उन्हें घर से करीब 250 मीटर दूर ही रोक लिया गया। जब उन्होंने वहां पर उपस्थित पुलिस वालों और तहसीलदार से कहा कि परिवार ने हमें खुद मिलने के लिए बुलाया है। तो भी उन्होंने जाने से रोक दिया।

जब इंडिया टीवी के पत्रकार ने कहा यदि हमें नहीं जाने दे रहे तो किसी को भेजकर पीड़िता के भाई को ही बुलवा दीजिए। तो भी वे नहीं माने। अंत में किसी तरह से पीड़िता के भाई ने किसी के मोबाइल द्वारा चैनल से बात की और बताया कि वह पत्रकारों से बात करना चाहते हैं। तो वहां खड़े तहसीलदार ने कहा इसके लिए आप डीएम साहब से बात कीजिए।

जिले के डीएम के ऊपर ही यह आरोप है कि उनके द्वारा पीड़ित परिवार को धमकाया जा रहा है। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। तब से डीएम साहब मीडिया से बचते नजर आ रहे हैं। और अपने आवास से बाहर ही नहीं आ रहे हैं।

आखिर में यह सवाल उठता है कि ऐसा क्या है जो जिला प्रशासन छिपा रहा है। कोविड-19 के नियमों के अनुसार दूरी बनाने की बात करें तो उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है।

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