मोदी क्यों नहीं चाहते कि योगी मुख्यमंत्री बने?

BY- RAHUL KUNAR GAURAV

आपको जरूर से मोदी की कुछ बातें कुछ निर्णय चौकाते होंगे। लेकिन जब आप उन बातों उन निर्णयों को गौर से देखेंगे तो समझ पाएंगे कि उसके पीछे की शातिरी क्या है। यह स्पष्ट है कि मोदी, योगी को निपटाना चाहते हैं चाहे उसके लिए कोई भी कीमत चुकानी हो। मोदी के कुछ निर्णयों को फिर से रिकॉल करिये सब समझ मे आ जाएगा।

आवेश तिवारी बताते हैं कि मोदी लगातार कृषि बिल पर अड़े रहे , वह अच्छी तरह से जानते थे कि इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पांव उखड़ जाएंगे और योगी आदित्यनाथ को बेहद मुश्किल होगी।

पीएम मोदी ने विपक्ष के लगातार गुजारिश के बावजूद लखीमपुर खीरी मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को न तो उनके पद से हटाया ना तो उनके खिलाफ किसी किस्म के कार्रवाई की इजाजत दी। पीएम को पता था कि इससे बीजेपी और योगी के खिलाफ माहौल बनेगा।

पीएम मोदी को अच्छी तरह से पता है कि योगी आदित्यनाथ के भड़काऊ बयान इस चुनाव में उनके खिलाफ जा रहे हैं। जब योगी आदित्यनाथ ने 80- 20, ठंडी में भी गर्मी और बुलडोजर चलाने जैसे बयान देने शुरू किए अचानक मोदी जी ने कहना शुरू किया कि “आएंगे फिर योगी ही”

आमतौर पर भाजपा के मुख्यमंत्रियों से दूरी बनाकर रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ के कंधे पर हाथ रख कर के तस्वीरें खिंचवाई और मीडिया में उसको वायरल करा दिया। उन तस्वीरों से साफ पता चल रहा था कि योगी आदित्यनाथ नरेंद्र मोदी के अधीन हैं।

योगी ने उत्तर प्रदेश में लगभग 100 विधायकों के टिकट काटने का मन बना लिया था लेकिन मोदी जी के हस्तक्षेप की वजह से योगी आदित्यनाथ ऐसा नहीं कर सके और तमाम नाकारा और हारने वाले विधायकों को फिर से टिकट दे दिया गया।

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