टीआरपी जिसे टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट कहते हैं एक नए रूप में हमारे सामने है। रिपब्लिक टीवी पर मुम्बई पुलिस ने यह आरोप लगाया कि उसने पैसे देकर टीआरपी बढ़ाई है।
इसके बाद मामला काफी पेचीदा होता गया। कुछ पत्रकारों को गिरफ्तार भी किया गया और समन भी जारी किया गया। जिनको समन जारी किया गया है उनमें रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी भी शामिल हैं।
समन जारी होने के बावजूद रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी मुम्बई पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुए। चैनल ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी शिव सुब्रमण्यम सुंदरम को शुक्रवार को समन जारी किया गया था। उन्होंने पुलिस से उनका बयान दर्ज न करने का अनुरोध किया और कहा कि शीर्ष अदालत की सुनवाई एक सप्ताह के भीतर शुरू होनी है।
पुलिस ने समन जारी करते हुए कहा कि इस बात पर भरोसा करने का उचित आधार है कि वह मामले से जुड़े कुछ तथ्यों एवं परिस्थितियों से वाकिफ थे और उनका पता लगाए जाने की आवश्यकता है।
पुलिस के उपरोक्त कथन और फिर मुख्य वित्तीय अधिकारी का पेस न होना पूरे मामले पर एक गहरा प्रश्नचिन्ह लगाती। यह दिखाता है कि रिपब्लिक टीवी पुलिस के सामने आने से डर रही है।
यदि रिपब्लिक टीवी सच के साथ खड़ी है तो उसे क्या दिक्कत हो सकती है पुलिस के सामने पेश होने में। क्या वह वाक़ई टीआरपी घोटाले में शामिल है?
आपको बता दें कि इस मामले में बृहस्पतिवार को कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिक भी शामिल हैं।
मुम्बई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने यह दावा किया है कि रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों ने टीआरपी में धांधली की है। इसका खुलासा टीआरपी मापने वाले संगठन बार्क की शिकायत के बाद हुआ।