केंद्र सरकार ने किसानों को लेकर जो कानून बनाया है उसको लेकर कई महीनों से पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध कर रहे हैं। अब यह विरोध आर-पार की लड़ाई का रुख कर चुका है। किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया है।
केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को रोकने के लिए इस ठंड में पानी की बौछार करा रही है, बैरिकेडिंग हो चुका है और धारा 144 को भी लगा दिया है। मगर किसान इन सब से इतर दिल्ली कूच की तरफ हैं। अकेले पंजाब से 3 लाख किसान आ रहे हैं।
इसी को लेकर कांग्रेस के नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है कि,
ये मेरे प्यारे देश की तस्वीर नहीं है,
हरियाणा की सरहद है ये कश्मीर नहीं है।
रोकेगा भला कौन किसानों को आने से,
दिल्ली किसी के बाप की जागीर नहीं है।
किसानों ने इस आन्दोल का नाम ‘दिल्ली चलो’ दिया है। पंजाब और हरियाणा में किसान प्रशासन के कड़े रुख के बावजूद अपनी योजना पर अडिग हैं।
पंजाब के किसान हरियाणा के साथ राज्य की सीमाओं पर पहुंच गए हैं। इन स्थानों से पार होने वाले जत्थों के लिए लंगर की व्यवस्था करने के लिए भी उपाय किये गए हैं। हरियाणा के पड़ोसी इलाकों में किसान दूध की आपूर्ति, सब्जियों की मदद के लिए पंजाब में अपने समकक्षों के पास पहुंच रहे हैं।
पंजाब के किसानों ने हरियाणा की सीमा से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर संगरूर के खनौरी में बठिंडा रोड पर एक मोर्चा स्थापित किया है। हरियाणा के जींद में सीमा के पार, विरोध मार्च के लिए दिल्ली मार्च के रास्ते पर रोक लगाने के लिए व्यवस्थाएं चल रही हैं।
राज्य के जींद जिले के दातसिंहवाला गाँव से बीकेयू (हरियाणा) से जुड़े एक किसान रल्दु सिंह ने कहा, “20 किलोमीटर की दूरी पर खनौरी बॉर्डर पर पंजाब के किसान दूध की आपूर्ति, सब्जियों की मदद के लिए पहुंच रहे हैं। मंगलवार की दोपहर हरियाणा के धमतन साहिब गाँव गुरुद्वारा से लंगर हमारे पंजाब के किसानों के लिए खनौरी में भेजा गया। किसान भाईचारा की वजह से हम एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं और यह नहीं कि हम पंजाबी समुदाय से हैं। ”